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भाषा,लिपि और बोली किसे कहते हैं?

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 भाषा,लिपि और बोली 

 

प्रश्न – भाषा किसे कहते हैं?  

उत्तर – जब हम अपने विचारों को लिखकर या बोलकर प्रकट करते हैं और दूसरों के विचारों को सुनकर   या पढ़कर ग्रहण करते हैं, उसे भाषा कहते हैं। दूसरे शब्दों में भाषा वह साधन है, जिसके माध्यम से हम सोचते हैं तथा अपने विचारों को व्यक्त करते हैं।

मनुष्य कभी शब्दों द्वारा, कभी सिर हिलाकर या संकेतों द्वारा भी अपने विचारों को अभिव्यक्त करता है। किन्तु भाषा केवल उसी को कहा जाता है, जो बोली जाती है या सुनी जाती है। यहाँ पर भी बोलने का अभिप्राय गूँगे मनुष्यों या पशु-पक्षियों की बोली से नहीं बल्कि बोल सकने वाले मनुष्यों के अर्थ में लिया जाता है।

ध्यान दें कि केवल मनुष्य ही भाषा का प्रयोग  कर सकता है, भाषा केवल मानव मुख से ही उच्चारित होती है

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प्रश्न – भाषा के कितने रूप हैं ?

उत्तर – भाषा के दो रूप हैं –

1.लिखित भाषा      2. मौखिक भाषा

लिखित भाषा जब हम दूर बैठे किसी व्यक्ति से अपनी बातें लिखकर व्यक्त करते हैं, तो उसे लिखित भाषा कहते हैं। यह भाषा का स्थायी रूप होता है और लिपि पर आधारित होता हैं।

दूसरे शब्दों में – जब व्यक्ति किसी दूर बैठे व्यक्ति को पत्र द्वारा अथवा पुस्तकों एवं पत्र-पत्रिकाओं में लेख द्वारा अपने विचार प्रकट करता है, तब उसे भाषा का लिखित रूप कहते हैं।

मौखिक भाषा – जब हम अपने विचारों को बोलकर या सुनकर व्यक्त करते हैं, तो उसे मौखिक भाषा कहते हैं। मौखिक भाषा में मनुष्य अपने विचारों एवं मनोभावों को बोल कर प्रकट करते हैं। मौखिक भाषा का प्रयोग तभी होता है, जब श्रोता सामने हो। दूसरे शब्दों मेंआमने-सामने बैठे व्यक्ति परस्पर बातचीत करते हैं अथवा कोई व्यक्ति भाषण, आदि द्वारा अपने विचार प्रकट करता है तो उसे भाषा का मौखिक रूप कहते हैं।

 

प्रश्न –  लिखित भाषा  और मौखिक भाषा के अतिरिक्त, भाषा के और कितने भेद हैं?

उत्तर – भाषा के कुछ अन्य भेद भी होते हैं-

1.मातृभाषा

2.राजभाषा

3.राष्ट्रभाषा

4.संपर्क भाषा

5.मानक भाषा

 

प्रश्न – मातृभाषा किसे कहते है?

उत्तर – जिस भाषा को बालक बचपन में अपनी माँ से सीखता है, उसे मातृभाषा कहते हैं।हिन्दू परिवार में जन्म लेने वाले बालक की मातृभाषा हिंदी होगी और पंजाबी परिवार में जन्म लेने वाले बालक की मातृभाषा पंजाबी होगी |

 

प्रश्न – राजभाषा  किसे कहते हैं?

उत्तर – किसी देश में सरकारी काम में जिस भाषा का प्रयोग होता है, उसे राजभाषा कहते हैं अर्थात् संविधान द्वारा स्वीकृत सरकारी कामकाज में प्रयोग की जाने वाली भाषा, राजभाषा कहलाती है | हिन्दी भारत की राजभाषा है|  हिंदी को 14 सितम्बर  सन 1949 में अनुच्छेद 343 के अंतर्गत राजभाषा का दर्जा दिया गया | भारत बहुभाषी देश है इसलिए यहाँ सुविधा के अनुसार राज्यों को अंग्रेजी तथा वहाँ की मातृभाषा में कार्य करने की अनुमति भी दी गई है |

 

प्रश्न – राष्ट्रभाषा किसे कहते हैं ?

उत्तर – देश में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा को राष्ट्रभाषा कहा जाता है कोई भी राष्ट्रभाषा अपने देश की संस्कृति और जनभावनाओं से गहराई तक जुड़ी होती है | भारत में अनेक भाषाएँ बोली, पढ़ी, लिखी, सुनी जाती हैं। सब प्रदेशों की अपनी अलग भाषा है पर हिंदी पूरे भारत में बोली जाती है, भारत में लगभग 40 प्रतिशत  यानी 70 करोड़ भारतीयों द्वारा हिंदी बोली जाती है| हिन्दी संपर्क भाषा के रूप में लगभग पूरे देश में बोली व समझी जाती है अतः संविधान के अनुसार हिंदी केवल भारत संघ की राजभाषा है |लोकप्रियता व भावनाओं के आधार पर हिंदी को भारत की राष्ट्रभाषा भी कहा जाता है |

 

प्रश्न – संपर्क भाषा किसे कहते हैं?

उत्तर – – संपर्क भाषा वह भाषा है जो अलग अलग भाषा बोलने  वाले दो लोगों के बीच बातचीत में सहायक होती है | इसे सेतु  भाषा भी कहा जाता है |

भारत में हिन्दी को संपर्क भाषा के रूप में प्रयोग किया जाता है|    

भारत एक बहुभाषी देश है | जहाँ अनेक भाषाएं और बोलियाँ हैं |ऐसे में हिंदी ही एकमात्र ऐसी भाषा है जो अलग अलग भाषा बोलने वालों के बीच संवाद का साधन बनती है | इसका एक कारण इसकी सरलता है इस कारण हिंदी भाषी राज्यों में इसका बोलचाल का सहज रूप बन गया है जैसे मुंबईया हिन्दी  असमिया हिंदी बांग्ला हिंदी आदि |

 

प्रश्न – मानक भाषा किसे कहते हैं?

उत्तर – मानक हिंदी, हिंदी भाषा का ही मानक रूप होता है। इसे शिक्षा, कार्यालययी कामों में प्रयोग किया जाता है। भाषा का क्षेत्र काल और पात्र की दृष्टि से व्यापक होता है। सभी भाषाओँ के विविध रूप को मानक कहते हैं।

 

प्रश्न – भाषा और बोली में क्या अंतर है?

उत्तर – भाषा का क्षेत्र बहुत बड़ा होता है और सीमित क्षेत्रों में बोली जाने वाली भाषा के रूप को बोली कहा जाता है अर्थात स्थानीय व्यवहार में अल्पविकसित रूप में प्रयुक्त होने वाली भाषा, बोली कहलाती है।  

बोली का कोई लिखित रूप नहीं होता। बोली का संबंध भाषा के  मौखिक रूप से होता है, इसका प्रयोग सामान्य बोलचाल में ही किया जाता है |

बोली को भाषा का प्रारंभिक रूप माना जाता है, बोली भाषा का स्थानीय रूप होती है। हर दस किलोमीटर के बाद बोली बदल जाती है। भाषा व्याकरणिक नियमों से बंधी होती है, लेकिन बोली स्वतंत्र होती है।

 

प्रश्न – बोली, भाषा कब बन जाती है?

उत्तर – कोई भी बोली हो, वह विकसित होकर भाषा का रूप ही लेती है। हिंदी को भी एक समय में बोली माना जाता था। क्योकि इसका विकास खड़ी बोली से हुआ था।

 

प्रश्न –विभिन्न राज्यों में कौन -कौन -सी बोलियाँ बोली जाती हैं?

उत्तर – अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग बोलियाँ बोली जाती हैं –

जैसे – पूर्वी उत्तर प्रदेश की बोली अवधी है, बिहार की भोजपुरी और मौथिली, हरियाणा में हरियाणवी और बांगड़ू, राजस्थान में राजस्थानी, मारवाड़ी और गुजरात में गुजराती बोली, बोली जाती है।

 

प्रश्न – बोली और भाषा के साहित्य के में क्या अंतर है ?

उत्तर – बोली को लिख नहीं सकते इसलिए इसका साहित्य मौखिक होता है, लेकिन भाषा को लिखा जा सकता है इसलिए इसका साहित्य लिखित होता है।

 

प्रश्न – उपभाषा किसे कहते हैं?

उत्तर – जब कोई बोली विकसित होती है तो उस में साहित्य रचना होने लगती है और वह बोली उपभाषा कहलाने लगती है जैसे मैथिली, ब्रज, भोजपुरी, अवधी आदि| इसे इस प्रकार भी कहा जा सकता है कि भाषा के क्षेत्रीय रूप को बोली कहते हैं  किंतु जब किसी बोली में साहित्य रचा जाने लगता है तब वह उपभाषा कहलाने लगती है |

 

प्रश्न -हिंदी को कितने और कौन- कौन से उपभाषा वर्गों में बाँटा गया हैं ?

उत्तर – हिंदी को पाँच उपभाषा वर्गों में बाँटा गया है – पश्चिमी हिन्दी ,पूर्वी हिन्दी , राजस्थानी हिन्दी .बिहारी हिन्दी तथा पहाड़ी हिन्दी |

उपभाषा वर्ग                                               उपभाषाएँ

पश्चिमी हिन्दी                             बृजभाषा ,खड़ी बोली ,हरियाणवी ,कनौजी ,बुंदेली

पूर्वी हिन्दी                                         अवधि ,बघेली ,छत्तीसगढ़ी

राजस्थानी हिन्दी                        मारवाड़ी ,मेवाती ,हाड़ौती ,मेवाड़ी

बिहारी हिन्दी                                   मैथिली ,मगही ,भोजपुरी

पहाड़ी हिन्दी                                कुमाऊँनी ,गढ़वाली ,हिमाचली

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प्रश्न – लिपि किसे कहते हैं?

उत्तर – किसी भाषा को लिखने के लिए जिन चिह्नों  की जरूरत होती है, उन चिह्नों को लिपि कहते है। लिपि भाषा का लिखित रूप होता है। इसके माध्यम से मौखिक रूप की ध्वनियों को लिखकर प्रकट किया जाता है। सारी भाषाओँ के लिखने की लिपि अलग होती है।

   भाषा                                    लिपि                              भाषा                       लिपि

हिंदी, संस्कृत, मराठी                  देवनागरी                            बंगला                        बंगला

  पंजाबी                                   गुरुमुखी                              रूसी                         रूसी

 उर्दू, फ़ारसी                               फ़ारसी                          अंग्रेज़ी, जर्मन                  रोमन

   अरबी                                    अरबी                               फ्रेंच, स्पेनिश                रोमन

 

प्रश्न – लिपि का क्या महत्व है?

उत्तर – लिपि के द्वारा ज्ञान, विज्ञान, साहित्य व संस्कृति को लिखित रूप में सहेजा जा सकता है इससे ये सब एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक आसानी से पहुँच जाते हैं|

 

प्रश्न – संसार की लिपियाँ कैसे लिखी जाती हैं ?

उत्तर – संसार की लगभग सभी लिपियाँ बाएँ से दाएँ की ओर  लिखी जाती है|

  लेकिन उर्दू और फारसी लिपि दाएँ से बाईं की ओर लिखी जाती है|

 

प्रश्न – देवनागरी लिपि की विशेषताएँ बताइए।

उत्तर – भाषा की मौखिक ध्वनियों को लिखने की व्यवस्था लिपि कहलाती है |

  •  हिंदी व संस्कृत भाषा की लिपि देवनागरी है।
  •  देवनागरी लिपि को बाएँ से दाएँ लिखा जाता है।
  •  देवनागरी लिपि में हर वर्ण का आकार समान होता है।
  • देवनागरी लिपि उच्चारण के अनुरूप लिखी जाती हैं।

 

प्रश्न – हिंदी को राजभाषा का दर्जा कब दिया गया ?

उत्तर – संविधान द्वारा हिंदी को 14 सितम्बर सन 1949 को अनुच्छेद 343 के अंतर्गत राजभाषा कहा गया |

 

प्रश्न – हिंदी दिवस कब मनाया जाता है?

उत्तर – प्रति वर्ष 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है |

 

प्रश्न – भारतीय संविधान में कितनी भाषाओं को सम्मिलित किया गया है |

उत्तर – भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 भारतीय भाषाओं को सम्मिलित किया गया है |

 संस्कृत, हिंदी, उर्दू, असमिया, पंजाबी, नेपाली, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, गुजराती, बांग्ला, उड़िया, कश्मीरी, कोंकणी, मणिपुरी, मराठी, मलयालम, मैथिली, डोंगरी, बोडो, संथाली और सिंधी आदि। इन सभी भाषाओँ का प्रयोग अपने-अपने क्षेत्र में ही किया जाता है|

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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