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Pad-Raidas ,Pathit Kavyansh, Hindi Course B

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कवि - रैदास

कवि - रैदास

कवि - रैदास
कवि – रैदास

 You May Like-विडीओ – एम सी क्यू, पद -रैदास                                                                                                                                                                              पठित काव्यांश

अब कैसे छूटै राम नाम रट लागी।
प्रभु जी तुम चंदन हम पानी, जाकी अंग-अंग बास समान

प्रभु जी, तुम घन हम मोरा,जैसे चितवत चंद चकोरा

प्रभु जी तुम दीपक हम बाती, जाकी जोति बरै दिन राती

प्रभु जी, तुम मोती हम धागा, जैसे सोनहिं मिलत सुहागा

प्रभु जी, तुम स्वामी हम दासा, ऐसी भक्ति करै रैदासा

(कवि अपने इष्टदेव को पाना चाहते हैं और कहते हैं हे प्रभु अब मुझे राम नाम की रट लग गई है, वह छूट नही सकती I कवि भगवान् से कहता है कि हे प्रभु! यदि तुम चंदन हो तो मैं पानी हूँ ,जिस प्रकार चंदन की सुगंध पानी की बूँद-बूँद में समा जाती है उसी प्रकार प्रभु की भक्ति मेरे अंग-अंग में समा गई है।कवि रैदास अपने आराध्य के प्रति अपनी भक्ति को दर्शाते हुए कहते हैं कि हे मेरे प्रभु! तुम स्वामी हो, मैं आपका भक्त आपका दास हूँ।)

 

1. कवि को किसके नाम की रट लग गई है ?

(क) पिता ब्रह्म देव        (ख) भगवान           (ग) राम    (घ) भक्त  

 

2.यदि भगवान चंदन है तो भक्त क्या है?

 (क) पानी              (ख) मोर             (ग) चकोर            (घ) बत्ती

 

3.यदि भगवान बादल है तो भक्त क्या है?

    (क) पानी       (ख) मोर            (ग) चकोर          (घ) बत्ती

 

4.यदि भगवान चाँद है तो भक्त क्या है?
(क) पानी (ख) मोर (ग) चकोर           (घ) बत्ती

 

5.यदि भगवान दीपक है तो भक्त क्या है?
(क) पानी (ख) मोर (ग) चकोर            (घ) बत्ती

 

6.यदि भगवान मोती है तो भक्त क्या है?
(क) पानी (ख) मोर (ग) धागा              (घ) बत्ती

 

7.यदि भगवान स्वामी है तो भक्त क्या है?
(क) दास (ख) मोर (ग) चकोर         (घ) बत्ती

 

8.सुहागा के लिए सही अर्थ है –

(क) सोना चमकाने का पदार्थ       (ख) पीतल चमकाने का पदार्थ

(ग) घिसने वाला पदार्थ            (घ) ताम्बा चमकाने का पदार्थ

 

9.सेाना के लिए पर्यायवाची छाँटिए –

(क)  धतूरा       (ख)  सुहागा      (ग) स्वर्ण      (घ) सुनहरा

 

10.कवि को किसकी लगन लगी है –

(क) पढ़ाई          (ख) संतान     (ग) ईश्वर      (घ)संसार

 

11.चितवत चंद चकोरा – पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार है –

(क) यमक     (ख) अनुप्रास     (ग) उपमा       (घ) अतिशयोक्ति

 

12.कवि ने प्रभु की तुलना चंदन और पानी से क्यों की है ?

(क) चंदन पानी में मिलकर उसे पीला कर देता है।         

(ख) चंदन पानी में मिलकर उसे अपनी सुगंध से महका देता है।

(ग) चंदन, पानी मिलकर सुंदर लगता है  

(घ) चंदन का तिलक शुभ माना जाता है ।

 

13. प्रस्तुत पद में बासका क्या अर्थ है ?

(क) बासी       (ख) सुगंध          (ग) दुर्गंध           (घ) गंध

 

14.सोने में सुहागे को क्यों मिलाया जाता है ?

(क) पीला रंग देने के लिए ।       (ख) शुद्ध करने के लिए 

(ग) कोमल करने के लिए ।         (घ) चमक बढ़ाने के लिए

 

समाधान

उत्तर 1 (ग) राम   

उत्तर 2 (क) पानी             

उत्तर 3 (ख) मोर           

उत्तर 4 (ग) चकोर          

उत्तर 5 (घ) बत्ती

उत्तर 6 (ग) धागा             

उत्तर 7(क) दास        

उत्तर 8(क) सोना चमकाने का पदार्थ      

उत्तर  9(ग) स्वर्ण     

उत्तर 10(ग) ईश्वर     

उत्तर 11(ख) अनुप्रास    

उत्तर 12(ख) चंदन पानी में मिलकर उसे अपनी सुगंध से महका देता है।

उत्तर 13 (घ) गंध

उत्तर  14(घ) चमक बढ़ाने के लिए

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ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै।

गरीब निवाजु गुसईआ मेरा माथै छत्रु धरै।

जाकि छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै।

नीचहु ऊँच करै मेरा गोविंदु काहू ते न डरै।।

नामदेव कबीरु तिलौचनु सधना सैनु तरै।

कहि रविदास सुनहु रै संतहु हरिजीउ तै सभै सरै।।

(भगवान की महिमा का बखान करते हुए कवि कहते हैं कि हे स्वामी ऐसी कृपा तुम्हारे अलावा कौन कर सकता है I हे गरीब निवाजु तुम ही ऐसे दयालु हो, जिसने अछूत और नीच के माथे पर राजाओं जैसा छत्र रख दिया अर्थात् तुम्हीं ने अछूत व नीच लोगों को भी राजाओं जैसा सम्मान प्रदान किया और ऐसा करते हुए तुम्हें किसी का भी भय नहीं ।हरि जी सब कुछ करने में समर्थ हैं, वे कुछ भी कर सकते हैं।)

 

1.‘ऐसी लाल तुझ बिन कउनु करैइस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए ?

(क) कोई ऐसा काम नही कर सकता ।         

(ख) कोई भी प्रभु से तुलना करने की क्षमता नहीं रखता ।

(ग) ईश्वर के अलावा और कोई गरीबों पर इतनी कृपा नहीं कर सकता।

(घ) ईश्वर उन्हीं की मदद करता है जो अपनी मदद करते हैं ।

  

2.गरीब निवाजु  का क्या अर्थ  है ?

(क)  गरीब के घर में निवास करने वाला 

(ख) दीन – दुखियों पर दया करने वाला

(ग)  गरीबी में रहने वाले लोग          

(घ)  गरीब के घर भोजन करने वाला

 

3.प्रभु अछूत के मस्तक पर क्या रखता  हैं

(क) तिलक      (ख) फूल        (ग ) मोर पंख         (घ)  छत्र    

 

4. छोति के लिए प्रचलित शब्द छाँटिए –

(क)  छूना       (ख) अछूत      (ग)   छुआछूत      (घ)    छूत

 

5.कवि का प्रभु उन पर दया करता है जिन्हें समाज ——– मानता है।    

(क) अपना ईश्वर    (ख) गरीब        (ग) अछूत      (घ)अमीर

 

6.‘हरिजीउ ते सभै सरैका आशय स्पष्ट कीजिए  

(क) सभी जीव हरि के सेवक है।    

(ख) हरिजीउ सरोवर में रहते हैं ।

(ग) हरि जीवों के सिरमौर हैं ।         

 (घ) हरि अर्थात प्रभु के लिए कुछ भी असंभव नहीं।

    

7.कवि ने इस पद में किन-किन कवियों का उल्लेख किया है?

(क) नामदेव , गोविंद , हरिजीउ             

(ख) नामदेव , गोविंद , सैनु , कबीर

(ग) नामदेव , कबीर , गोविंद , सधना , सैनु  

(घ) नामदेव , कबीर , त्रिलोचन , सधना , सैनु

 

8.रैदास के प्रभु की एक विशेषता बताइए ।

(क) वह गले में माला पहनते हैं ।       

(ख)  वह कुछ भी कर सकते हैं ।

(ग) वह हर जगह हैं ।

(घ) उन्होंने निम्न कुल के भक्तों को भी सम्मानित स्थान दिया है।

 

9.भगवान् किसका कल्याण बिना भेदभाव के करते है?
(क) अमीरों का

(ख) भक्तों का

(ग) अछूत मनुष्यों का       

(घ) इनमें से किसी का नहीं

10.कवि किसे अपना सब कुछ मानते है?
(क) भगवान् को            (ख) संतों को        (ग) अछूत मनुष्यों को          (घ) भक्तों को

समाधान

उत्तर  1 (ग) ईश्वर के अलावा और कोई गरीबों पर इतनी कृपा नहीं कर सकता।

उत्तर 2 (ख) दीन-दुखियों पर दया करने वाला

उत्तर 3 (घ)  छत्र    

उत्तर 4 (ग) छुआछूत     

उत्तर 5 (ग) अछूत

उत्तर 6 (घ) हरि अर्थात प्रभु के लिए कुछ भी असंभव नहीं।

उत्तर 7(घ) नामदेव , कबीर , त्रिलोचन , सधना , सैनु

उत्तर 8(घ) उन्होंने निम्न कुल के भक्तों को भी सम्मानित स्थान दिया है।

उत्तर 9-(ग) अछूत मनुष्यों का

उत्तर 10-(ग) अछूत मनुष्यों को

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