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Dohe – Rahim , Prashnottar ,Class 9, Hindi Course B

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You May Like MCQ  –विडियो – दोहे – रहीम

प्रश्न 1-  निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

(क) प्रेम का धागा टूटने पर पहले की भाँति क्यों नहीं हो पता?

उत्तर – प्रेम आपसी लगाव आकर्षण और विश्वास के कारण होता है। यदि एक बार विश्वास टूट जाए तो फिर उसमें पहले जैसा भाव नहीं आ सकता। धागा बहुत नाज़ुक होता है टूटने पर पहले की भाँति इसलिए नहीं हो पाता क्योंकि उस टूटे हुए धागे को जोड़ने के लिए उसमें गाँठ लगानी पड़ती है जिसके कारण वह पहले की तरह नहीं हो पाता। उसी तरह से जब प्रेम का धागा अर्थात् प्यार का कोई रिश्ता टूट जाता है और उसके टूटने के बाद उस रिश्ते को फिर जोड़कर पहले की तरह नहीं बनाया जा सकता।

 

(ख) हमें अपना दुःख दूसरों पर क्यों नहीं प्रकट करना चाहिए? अपने मं की व्यथा दूसरों से केने पर उनका व्यवहार कैसा हो जाता है?

उत्तर – हमें अपना दुख दूसरों पर इसलिए नहीं प्रकट करना चाहिए क्योंकि जब हम अपना दुख दूसरों को बताते हैं तो दूसरे हमारा दुख बाँटने की बजाय पीठ पीछे उसका उपहास करते हैं। अपने मन की व्यथा दूसरों से कहने पर उनका व्यवहार हमारे प्रति अच्छा नहीं रहता।

 

(ग) रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य क्यों कहा है?

उत्तर – रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य इसलिए कहा है क्योंकि पंक जल की थोड़ी-सी मात्रा भी कई छोटे जीवों की प्यास बुझाती है लेकिन सागर का जल बहुत अधिक मात्रा में होने के बावजूद, खारा होने के कारण किसी की प्यास नहीं बुझा पाता।तात्पर्य यह है कि धन्य वही होता है जो दूसरों के काम आता है।

 

(घ) एक को साधने से सब कैसे सध जाता है?

उत्तर – जिस तरह केवल जड़ को सींचने से ही पेड़ में फूल और फल लगते हैं, उसकी शाखाओं, पत्तियों को सींचने की ज़रूरत नहीं होती। उसी तरह से एक को साधने से सब सध जाता है अर्थात एक काम के पूरा होने से उससे जुड़े अन्य कार्य स्वयं पूरे हो जाते है। अतः हमें एक साथ बहुत कार्यों को न करके, किसी एक कार्य में ही अपना पूरा ध्यान लगाना चाहिए।

 

(ड़) जलहीन कमल की रक्षा सूर्य भी क्यों नहीं कर पाता?

उत्तर – कमल का आधार है और पानी ही नहीं रहे तो सूर्य भी उसकी रक्षा नहीं कर सकता क्योंकि जल के बिना कमल को जरूरी पोषण नहीं मिलेगा। जल के बिना कमल का जीवन असंभव है बल्कि कमल सूर्य की गर्मी के कारण झुलस कर मर जाएगा।

 

(च) अवध नरेश को चित्रकूट क्यों जाना पड़ा?

उत्तर – अवध नरेश को उनके पिता ने बनवास की आज्ञा दी थी इसलिए अवध नरेश को चित्रकूट जाना पड़ा था। चित्रकूट बहुत मनोरम और शांति प्रदान करने वाला प्रदेश है लेकिन घना व अँधेरा वन  होने के कारण वहाँ अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। रहीम कहते हैं कि है कोई व्यक्ति चित्रकूट जैसे स्थान पर तभी जाता है जब वह किसी मुसीबत में होता है। ऐसी जगह पर वही रहने जाता है जिस पर कोई भारी विपत्ति आती। कहने का अभिप्राय यह है कि विपत्ति में व्यक्ति कोई भी कठिन से कठिन काम कर लेता है।

 

(छ) ‘नट’ किस कला में सिद्ध होने के कारण ऊपर चढ़ जाता है?

उत्तर – नट को कुंडली मारने में महारथ हासिल होती है। वह कुंडली मारकर अपने शरीर को सिकोड़ सकता है। इसी कारण वह आसानी से रस्सी पर ऊपर चढ़ जाता है। कहने का तात्पर्य यह है कि किसी के आकार को देख कर उसकी प्रतिभा का अंदाज़ा नहीं लगाना चाहिए।

 

 

(ज़) ‘मोती, मानुष, चून’ के संदर्भ में पानी के महत्व को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – पानी का अत्यधिक महत्त्व है और इसके बिना सब कुछ व्यर्थ है। मोती के संदर्भ में पानी का अर्थ है चमक ,रहीम जी कहते हैं कि पानी अर्थात चमक के बिना मोती व्यर्थ है। मनुष्य के संदर्भ में पानी का अर्थ है इज़्ज़त, सम्मान। पानी अर्थात सम्मान या इज़्ज़त के बिना मनुष्य जीवन व्यर्थ है और चून के संदर्भ में पानी का अर्थ है जल। बिना पानी के चून अर्थात आटा व्यर्थ है। यहाँ कवि ने पानी की महिमा का बखान करते हुए उसके महत्त्व को अलग-अलग सन्दर्भ में  दर्शाया है।

 

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए- 

प्रश्न 1 – टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय।

उत्तर – रहीम जी कहते हैं कि प्रेम का बंधन किसी धागे के समान नाज़ुक होता है, जिसे कभी भी जान बूझकर, झटके से नहीं तोड़ना चाहिए क्योंकि जब कोई धागा एक बार टूट जाता है तो फिर उसे जोड़ा नहीं जा सकता, टूटे हुए धागे को जोड़ने की कोशिश में उस धागे में गाँठ पड़ जाती है।  

 

प्रश्न 2 – सुनि अठिलैहैं लोग सब, बाँटि न लैहैं कोय।

उत्तर – अपने मन के दुख को अपने तक ही सीमित रखना चाहिए अर्थात् अपने मन की पीड़ा या दर्द को दूसरों से छुपा कर ही रखना चाहिए, दूसरों पर प्रकट नहीं करना चाहिए। कोई भी आपके दर्द को बाँट नहीं सकता अर्थात कोई भी व्यक्ति आपके दर्द को कम नहीं कर सकता क्योंकि जब आपका दर्द किसी अन्य व्यक्ति को पता चलता है तो वे लोग मन ही मन खुश होते हैं और उसका मज़ाक ही उड़ाते हैं।  

 

प्रश्न 3 – रहिमन मूलहिं सींचिबो, फूलै, फलै अघाय।

उत्तर – रहीम जी कहते हैं पौधे की सिर्फ़ जड़ को सींचने से ही फल और फूल प्राप्त हो जाते हैं, उसकी शाखाओं, पत्तों आदि को पानी देने की आवश्यकता नहीं होती। तात्पर्य यह है कि एक बार में केवल एक कार्य ही करना चाहिए क्योंकि एक काम के पूरा होने से, उससे जुड़े कई और काम अपने आप पूरे हो जाते हैं।

  

प्रश्न 4 – दीरघ दोहा अरथ के, आखर धीरे आहिं।

उत्तर – अत्यंत कम अक्षर वाले दोहे के अंतर्गत बहुत गहरा एवं व्यापक अर्थ छिपा होता है। तात्पर्य यह है कि दोहों में भले ही कम अक्षर या शब्द हैं, परंतु उनके अर्थ बड़े ही गहरे और बहुत कुछ कह देने में समर्थ हैं। कहने का तात्पर्य यह है कि किसी के आकार को देख कर उसकी प्रतिभा का अंदाज़ा नहीं लगाना चाहिए।

 

प्रश्न 5 – नाद रीझि तन देत मृग, नर धन देत समेत।

उत्तर – हिरण मधुर संगीत की ध्वनि से खुश होकर अपना शरीर न्योछावर कर देता है अर्थात अपने शरीर को शिकारी को सौंप देता है। इसी तरह से कुछ लोग, किसी भी व्यक्ति की कला पर मुग्ध होकर ,उसकी कल्याण कामना करते हुए प्रेमपूर्वक अपना धन इत्यादि सब कुछ अर्पित कर देते हैं। कहने का अभिप्राय यह है कि यदि कोई आपको कुछ दे रहा है तो आपका भी फ़र्ज़ बनता है कि आप उसे बदले में कुछ न कुछ दें। आशय यह है कि मनुष्य को दूसरों की कद्र करनी चाहिए।     

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प्रश्न 6 – जहाँ काम आवे सुई, कहा करै तरवारि।

उत्तर – जहाँ सुई की जरूरत होती है वहाँ तलवार का कोई काम नहीं होता, अर्थात् जहाँ छोटी चीज की जरूरत होती है वहाँ पर बड़ी चीज बेकार हो जाती है। । कहने का अभिप्राय यह है कि किसी भी चीज़ को कम नहीं समझना चाहिए क्योंकि हर एक चीज़ का अपनी-अपनी जगह महत्त्व होता है।अतः किसी को छोटा समझ कर उसका मजाक नहीं उड़ाना चाहिए।

 

प्रश्न 7 – पानी गए न ऊबरै, मोती, मानुष, चून।

उत्तर – पानी का अत्यधिक महत्त्व है और इसके बिना सब कुछ व्यर्थ है। बिना पानी के न तो मोती में चमक आती है, न ही पानी के बिना आटा गूँधा जा सकता है और पानी अर्थात् इज़्ज़त, सम्मान के बिना मनुष्य जीवन भी व्यर्थ है।

 

                    स्वमूल्यांकन हेतु प्रश्न

 

प्रश्न 1– ‘मिले गाँठ परि जाय’ का क्या आशय है?

प्रश्न 2– कवि ने किस दृष्टांत के द्वारा सिद्ध किया है कि बिगड़ी बात ने बन सकती?

प्रश्न 3– लोग दूसरों के कष्ट क्यों नहीं बाँटना चाहते?

प्रश्न 4– अवध नरेश चित्रकूट में क्यों और कब रहे?

प्रश्न 5– छोटी वस्तु का तिरस्कार क्यों नहीं करना चाहिए?

प्रश्न 6– रहीम ने पशु से भी तुच्छ किसे और क्यों माना है?

प्रश्न 7– प्रेम का धागा टूटने से क्या अभिप्राय है?

प्रश्न 8– बिना पानी वाले मनुष्य से कवि का क्या आशय है?

प्रश्न 9– रहीम के दोहे आज भी प्रासंगिक हैं। उदाहरण द्वारा स्पष्ट कीजिए।

प्रश्न 10– रहीम के दोहे में प्रेम संबंधों में तनाव ना आने देने की सलाह क्यों दी गई है? क्या आप ऐसा सोचते हैं कि एक बार गाँठ पद जाने पर रिश्ते सामान्य नहीं रहते? 

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