Madhu kalash.

कुछ सीखें / खुद को खर्च करें / ताकि दुनिया आपको सर्च करे ।

Kar Chale Hum Fida, Vyakhya, Class 10, Hindi Course B

1 min read
कर चले हम फ़िदा

कर चले हम फ़िदा

कर चले हम फ़िदा

PPT – कर चले हम फ़िदा

You May Like –विडियो – कर चले हम फ़िदा कविता के एम सी क्यू

आडियो – कर चले हम फ़िदा कविता की व्याख्या

इस गीत की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है,यह  गीत सन 1962 के भारत – चीन युद्ध की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर लिखा गया है। यह गीत बताता है कि किस तरह चीन ने तिब्बत की ओर से युद्ध किया और  भारतीय वीरों ने इसका बहदुरी से सामना  किया।

                                                       पठित काव्यांश

कर चले हम फ़िदा जानो-तन साथियो
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो
साँस थमती गई, नब्ज़ जमती गई
फिर भी बढ़ते कदम को न रुकने दिया
कट गए सर हमारे तो कुछ गम नहीं
सर हिमालय का हमने न झुकने दिया
मरते-मरते रहा बाँकपन साथियो
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो

शब्द अर्थ –

फ़िदा – न्योंछावर  

वतन – देश
हवाले – सौंपना

नब्ज़ – नाड़ी

जमती गई – रुकती गई

ग़म – दुःख

थमती – रुकती
बाँकपन – जवानी का जोश/ साहस

जानो-तन – शरीर और प्राण

व्याख्या – प्रस्तुत गीत में कवि ने स्वयं को भारत माता की सैनिक रूप के रूप में दर्शाया है. युद्ध भूमि में शहीद होते समय सैनिक अपने दूसरे साथियों को संदेश देते हुए कहता है हे देशवासियो हमने अपनी जान और तन देश को समर्पित कर दिया है अब देश की जिम्मेदारी और बाहर हम तुम पर छोड़कर जा रहे हैं।

अब हमारी सांसें रुकने लगी है ठंड के कारण नज़्म जमने लगी है फिर भी हमने कदमों को आगे बढ़ने से नहीं रोका और बर्फीले रास्ते पर निरंतर आगे बढ़ते रहें. शत्रुओं से लड़ते लड़ते और मुकाबला करते हुए हमने अपने सिर कटवा दिए परन्तु हिमालय के सिर को हमने झुकने नहीं दिया अर्थात् भारत की आन बान और शान पर आंच नहीं आने दी. हमारे मन में वही जवानी का जोश अंत समय तक बना रहा मरते दम तक अपने साहस को हमने बनाए रखा और संघर्ष करते रहे अब संसार से विदा ले रहे हैं देश की सुरक्षा का दायित्व तुम पर छोड़कर हम इस दुनिया से विदा हो रहे हैं।

 

 

जिंदा रहने के मौसम बहुत हैं मगर
जान देने की रुत रोज आती नहीं
हुस्न और इश्क दोनों को रुस्वा करे
वो जवानी जो खूँ में नहाती नहीं
आज धरती बनी है दुलहन साथियो
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो

शब्द अर्थ –

रुत  – मौसम
हुस्न – सुन्दरता

इश्क़ – प्रेम
रुस्वा – बदनाम
खूँ से नहाना – अच्छे काम के लिए बलिदान देना 

व्याख्या – कभी एक सैनिक के रूप में युद्धभूमि में उपस्थित देश की रक्षा के लिए शत्रुओं से मुकाबला करते हुए घायल सैनिकों और देशवासियों से कहता है कि जीने के अवसर तो अनेक बार मिलते हैं परन्तु देश की रक्षा के लिए बलिदान देने के अवसर बहुत कम मिलते हैं ।

युवा अवस्था वह अवस्था है जिसमें प्रेम सौंदर्य और जोश चरम उत्कर्ष पर होता है यदि जमाने की अवस्था में देश की रक्षा के लिए रक्त नहीं बढ़ाया तो वह जवानी और जीवन व्यर्थ है ऐसी जवानी तो प्यार और सौंदर्य को भी बदनाम करती है। सैनिकों के रक्त बहाने के कारण आज हमारी धरती दुल्हन के समान लग रही है।

हमारे जाने के बाद इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी तुम्हारे हाथों में है, अपनी मातृभूमि की रक्षा का दायित्व तुम्हें सौंपकर अब हम इस दुनिया से विदा हो रहे हैं।

 

राह कुर्बानियों की न वीरान हो
तुम सजाते ही रहना नए काफ़िले
फतह का जश्न इस जश्न के बाद है
जिंदगी मौत से मिल रही है गले
बाँध लो अपने सर से कफन साथियो
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो

शब्द अर्थ –

राह – रास्ता

कुर्बानियाँ – बलिदान
वीरान – सुनसान
काफ़िलें  – यात्रिओं के समूह
फतह – जीत
जश्न – ख़ुशी

मौत से गले मिलना – मृत्यु को प्राप्त होना

सर पर कफ़न बाँधना – बलिदान के लिए तैयार रहना

हवाले – समर्पित करना

व्याख्या – देश की रक्षा करते हुए शहीद होता हुआ सैनिक अपने अन्य सैनिक साथियों से कहता है कि देश के लिए बलिदान देने का सिलसिला कभी समाप्त नहीं होना चाहिए देश की आजादी के लिए बलिदान देने वाले सैनिकों की संख्या में कभी कमी नहीं होनी चाहिए और ना ही बलिदान देने का यह क्रम टूटना चाहिए।

एक बार संघर्ष और बलिदान का उत्सव मना लिया तो इस कुर्बानी के बाद अगला विजय का उत्सव ही होगा। हमारे बलिदान के बाद ही देश स्वतंत्र हो पाएगा और देश को खुशी मनाने का अवसर मिल सकेगा। अब देश के लिए न्योछावर होने का अवसर आ गया है अपने सिर पर कफन बांधकर आगे बढ़ो क्योंकि देश की रक्षा का दायित्व तुम्हें सौंपकर हम मृत्यु को गले लगाने जा रहे हैं। और हमारे जाने के पश्चात इस देश की सुरक्षा और मान का दायित्व तुम्हारे हाथों में है।

 

खींच दो अपने खूँ से जमीं पर लकीर
इस तरफ आने पाए न रावन कोई
तोड़ दो हाथ अगर हाथ उठने लगे
छू न पाए सीता का दामन कोई
राम भी तुम, तुम्हीं लक्ष्मण साथियो
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो

शब्द अर्थ –

खिंच दो – अंकित कर दो

खूँ – खून

जमीं – जमीन

हाथ उठना – आक्रमण होना
लक़ीर – रेखा

रावण – शत्रुओं के प्रतीक रूप में प्रयुक्त हुआ है

सीता – भारत माता का प्रतीक

दामन – आँचल

व्याख्या – देश की रक्षा करते हुए शहीद होता हुआ सैनिक अपने अन्य सैनिकों से कहता है जिसतरह लक्ष्मण ने सीता की रक्षा करते हुए धनुष से रेखा खींच दी थी उसी तरह तुम अपने बलिदान से, अपने खून से इस धरती पर लकीर खींच कर इस धरती को सुरक्षित कर दो ताकि देश की सीमा के भीतर कोई भी रावण रूपी शत्रु घुस न पाए।

अगर कोई दुश्मन सीता अर्थात भारत माँ के पवित्र आंचल की ओर हाथ उठाने लगे तो उसे तोड़कर रख दो। भाग यह है कि देश की ओर नापाक इरादे से उठने वाले कदमों को रोक दो। जिसप्रकार राम और लक्ष्मण ने रावण से सीता के मान सम्मान को बचाया था उसी प्रकार तुम भी देश के राम और लक्ष्मण बनकर सीता अर्थात अपनी मातृभूमि की रक्षा करो। हम तो अपना बलिदान देकर चिर विश्राम करने मृत्यु की गोद में जा रहे हैं, अब इस देश की रक्षा की जिम्मेदारी तुम्हारे हाथों में है।

MCQ ,Kar chale hum fida,Class10 Hindi Course BYou May Like –  

कविता का प्रतिपाद्य

 

प्रस्तुत कविता का प्रतिपाद्य पाठकों को देशहित,बलिदान और संघर्ष की प्रेरणा देना है I कविता में देश के सैनिकों की भावनाओं का वर्णन किया गया है। सैनिक कभी भी देश के मान – सम्मान को बचाने से पीछे नहीं हटते, फिर चाहे उन्हें अपनी जान ही क्यों ना गँवानी  पड़े।

सैनिक चाहते हैं कि उनके बलिदान के बाद देश की रक्षा के लिए सैनिकों की कमी नहीं होनी चाहिए। दुश्मन कभी भी उसके द्वारा खींची गई खून की लक्ष्मण रेखा पार ना कर पाए, इसी  उम्मीद से वह देश की रक्षा का भार देशवासियों पर छोड़ कर जा रहें है। सैनिक कहते हैं कि देश पर जान न्योछावर करने के मौके बहुत कम आते हैं, ये क्रम टूटना नहीं चाहिए।

  

 1,079 total views,  2 views today

1 thought on “Kar Chale Hum Fida, Vyakhya, Class 10, Hindi Course B

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright ©2022, All rights reserved. | Newsphere by AF themes.
error: Content is protected !!