Ab Kaha Dusre Ke Dukh Se Dukhi Hone Wale, Pathit Gadyansh, Class10
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बाइबिल के सोलोमेन जिन्हें कुरआन में सुलेमान कहा गया है, ईसा से 1025 वर्ष पूर्व एक बादशाह थे। कहा गया है, वह केवल मानव जाति के ही राजा नहीं थे, सारे छोटे-बड़े पशु-पक्षी के भी हाकिम थे। वह इन सबकी भाषा भी जानते थे। एक दफा सुलेमान अपने लश्कर के साथ एक रास्ते से गुज़र रहे थे।
रास्ते में कुछ चींटियों ने घोड़ों के टापों की आवाज़ सुनी तो डर कर एक दूसरे से कहा,’आप जल्दी से अपने-अपने बिलों में चलो, फ़ौज आ रही है। ‘सुलेमान उनकी बातें सुनकर थोड़ी दूर पर रुक गए और चींटियों से बो ले, घबराओ नहीं, सुलेमान को खुदा ने सबका रखवाला बनाया है। मैं किसी के लिए मुसीबत नहीं हूँ, सबके लिए मुहब्बत हूँ। चींटियों ने उसके लिए ईश्वर से दुआ की और सुलेमान अपनी मंज़िल की ओर बढ़ गए।
प्रश्न 1 .इस कहानी के लेखक कौन है ?
(क) निदा फ़ाज़ली
(ख) अंतोन
(ग) खुशवंत सिंह
(घ) कोई नहीं
प्रश्न 2 . सुलेमान कौन थे ?
(क) एक बादशाह
(ख) सबका रखवाला
(ग) सबके लिए मुहब्बत
(घ) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 4 – सुलेमान किसके साथ रास्ते से गुज़र रहे थे ?
(क) अपने घोड़े के साथ
(ख) अपने बच्चो के साथ
(ग) अपने लश्कर के साथ
(घ) कोई नहीं
प्रश्न 5 – घोड़ों की टापों की आवाज़ किसने सुनी ?
(क) घोड़ों ने
(ख) सुलेमान ने
(ग) चींटियों ने
(घ) किसी ने नही
प्रश्न 6 – चींटियाँ एक दूसरे से कहाँ चलने को कह रहीं थी ?
(क) पेड़ पर
(ख) खेतों में
(ग) अपने-अपने बिलों में
(घ) नदी में
समाधान
उत्तर 1 –(क) निदा फ़ाज़ली
उत्तर 2–(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर 3 –(ग) अपने लश्कर के साथ
उत्तर 4 –(ग) चींटियों ने
उत्तर 5 –(ग) अपने-अपने बिलों में
बाइबिल और दूसरे पावन ग्रंथों में नूह नाम के एक पैगंबर का ज़िक्र मिलता है। उनका असली नाम लश्कर था, लेकिन अरब ने उनको नूह के लक़ब से याद किया है। वह इसलिए कि आप सारी उम्र रोते रहे। इसका कारण एक ज़ख़्मी कुत्ता था।
नूह के सामने से एक बार एक ज़ख़्मी कुत्ता गुजरा। नूह ने उसे दुत्कारते हुए कहा, ‘दूर हो जा गन्दे कुत्ते !’ इस्लाम में कुत्तों को गन्दा समझा जाता है। कुत्ते ने उसकी दुत्कार सुन कर जवाब दिया……’न मैं अपनी मर्जी से कुत्ता हूँ, न तुम अपनी पसंद से इंसान हो। बनाने वाला सबका तो वही एक है।’
मिट्टी से मिट्टी मिले
खो के सभी निशान
क़िस्में कितना कौन है,
कैसे हो पहचान
नूह ने जब उसकी बात सुनी और दुखी हो मुद्दत तक रोते रहे। ‘महाभारत’ में युधिष्ठिर का जो अंत तक साथ निभाता नज़र आता है, वह भी प्रतीकात्मक रूप में एक कुत्ता ही था। सब साथ छोड़ते गए तो केवल वही उनके एकांत को शांत कर रहा था। दुनिया कैसे अस्तित्व में आई? पहले यह दुनिया क्या थी? किस बिन्दु से दुनिया के बनने की यात्रा शुरू हुई?
इन सभी प्रश्नों के उत्तर विज्ञान अपनी तरह से देता है और सभी जितने भी धार्मिक ग्रंथ हैं वो अपनी-अपनी तरह से देते हैं। इन प्रश्नों के सही उत्तर किसी को पता चले या न चले लेकिन ये बात सही है कि ये धरती किसी एक की नहीं है। जितने भी जीवधारी इस धरती पर रहते हैं जैसे पंछी, मानव, पशु, नदी, पर्वत, समंदर – इन सभी का धरती पर बराबर का अधिकार है।
परन्तु ये अलग बात है की अपने आप को बुद्धिमान बताने वाला मनुष्य धरती को अपनी निजि जायदाद समझ कर दूसरों के लिए बड़ी- बड़ी दीवारे खड़ी कर रहा है। पहले पूरा संसार एक परिवार की समान था अब टुकड़ों में बँटकर एक-दूसरे से दूर हो चूका है। पहले बड़े-बड़े दालानों-आँगनों में सब मिल-जुलकर रहते थे अब छोटे-छोटे डिब्बे जैसे घरों में जीवन सिमटने लगा है।
बढ़ती हुई आबादियों ने समंदर के पीछे सरकाना शुरू कर दिया है, पेड़ों को रास्तों से हटाना शुरू कर दिया है , फैलते हुए प्रदुषण ने पंछियों को बस्तियों से भगाना शुरू कर दिया है। बारूदों की विनाशलीलायों ने वातावरण को सताना शुरू कर दिया। अब गरमी में ज्यादा गरमी, बेवक्त की बरसातें, ज़लज़ले, सैलाब, तूफ़ान, और नित नए रोग, मानव और प्रकृति के इसी असंतुलन के परिणाम हैं।
प्रश्न 1 – नूह नाम के पैगंबर का जिक्र कहाँ मिलता है ?
(क) कुरान में
(ख) रामायण में
(ग) बाइबल में
(घ) कही नहीं
प्रश्न 2 – नूह का असली नाम क्या था ?
(क) लशकर
(ख) पैगंबर
(ग) सोलोमन
(घ) सुलेमान
प्रश्न 3 – पहले पूरा संसार किसके जैसा था ?
(क) एक देश
(ख) एक परिवार
(ग) एक मन
(घ) एक गेंद जैसा
प्रश्न 4 – धरती के बारे में क्या- क्या प्रश्न उठते हैं ?
(क) धरती किसी एक की नही है
(ख) इस पर सबका समान अधिकार है
(ग) मानव,पशु,पक्षी सबका समान अधिकार है
(घ) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 5 – वातावरण को किसनें सताना शुरू कर दिया था?
(क) बारूदों की विनाशलीलाओं ने
(ख) पक्षियों ने
(ग) बिल्डरों ने
(घ) इनमें से कोई नही
समाधान
उत्तर 1 – (ग) बाइबल में
उत्तर 2 –( क) लशकर
उत्तर 3 – (ख) एक परिवार
उत्तर 4 – (घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर 5 – (क) बारूदों की विनाशलीलाओं ने
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कई सालों से बड़े-बड़े बिल्डर समंदर को पीछे धकेल कर उसकी जमीन को हथिया रहे थे। बेचारा समंदर लगातार सिमटता जा रहा था। पहले उसने अपनी फैली हुई टाँगे समेटीं, थोड़ा सिमटकर बैठ गया। फिर जगह कम पड़ी तो उकड़ूं बैठ गया। फिर खड़ा हो गया…. जब खड़े रहने की जगह काम पड़ी तो उसे गुस्सा आ गया।
जो जितना बड़ा होता है उसे उतना ही कम गुस्सा आता है। परन्तु आता है तो रोकना मुश्किल हो जाता है ,और यही हुआ, उसने एक रात अपनी लहरों पर दौड़ते हुए तीन जहाज़ों को उठा कर बच्चों की गेंद की तरह तीन दिशाओं में फेंक दिया।
एक वर्ली के समंदर के किनारे पर आ कर गिरा। दूसरा बांद्रा के कार्टर रोड के सामने औंधे मुँह और तीसरा गेट-वे-ऑफ इंडिया पर टूटफूट कर सैलानियों का नजारा बना बावजूद कोशिश, वे फिर से चलने फिरने के काबिल नहीं हो सके।
प्रश्न 1– बिल्डर क्या कर रहे थे ?
(क) नई-नई बिल्डिंगे बना रहे थे
(ख) समुद्र को धकेलकर, उसकी ज़मीन हथिया रहे थे
(ग) अपने बनाए हुए घर बेच रहे थे
(घ) इनमें से कोई नही
प्रश्न 2 – समुद्र को पीछे धकेलने में बिल्डरों का क्या उद्देश्य था ?
(क) समुद्र का आकार छोटा करना
(ख) ज़मीन हथियाना
(ग) लोगों की भलाई करना
(घ) इनमें से कोई नही
प्रश्न 3 – समुद्र को गुस्सा क्यों आया?
(क) क्योंकि उसका आकार से मिटने लगा।
(ख) क्योंकि लोग उसके पानी का दुरुपयोग करने लगे
(ग) जब लोगों ने उसकी कोई परवाह नहीं की
(घ) इनमें से कोई नहीं
प्रश्न 4 – बिल्डरों की गतिविधियों से जन्मी समुद्र की क्या क्या प्रतिक्रिया हुई?
(क) पहले उसने अपनी टांगें समेटी और फिर थोड़ा सिमटकर बैठ गया
(ख) जगह कम पड़ने पर उकड़ू बैठ गया
(ग) फिर से बिल्डर नहीं माने तो उसे गुस्सा आ गया
(घ) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 5 – समुद्रने अपना क्रोध किस रूप रूप में व्यक्त किया?
(क) अपनी लहरों पर दौड़ते चार जहाजों को उठाकर चार दिशाओं में फेंक दिया
(ख) अपनी लहरों पर दौड़ते तीन जहाज़ों को उठाकर तीन दिशाओं में फेंक दिया
(ग) अपनी लहरों पर दौड़ते दो जहाजों को दो दिशाओं में फेंक दिया
(घ) इनमें से कोई नहीं
समाधान
उत्तर 1 –(ख) समुद्र को धकेलकर, उसकी ज़मीन हथिया रहे थे
उत्तर 2– (ख) ज़मीन हथियाना
उत्तर 3 – (क) क्योंकि उसका आकार से मिटने लगा।
उत्तर 4 – (घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर 5 – (ख) अपनी लहरों पर दौड़ते तीन जहाज़ों को उठाकर तीन दिशाओं में फेंक दिया
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