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NCERT Solutions for Khushbu Rachte Hain Hath Class 9 Hindi Sparsh

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खुशबू रचते हैं हाथ

खुशबू रचते हैं हाथ

खुशबू रचते हैं हाथ

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1.निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

(क) खुशबू रचने वाले हाथ कैसी परिस्थितियों में तथा कहाँ- कहाँ रहते है?

उत्तर – खुशबू रचने वाले लोग, अगरबत्ती बनाने वाले गरीब तबके के लोग होते हैं। ऐसे लोग अत्यंत कठिन परिस्थितियों में गंदी बस्तियों में, तंग गलियों में, कूड़े करकट के ढेरों के बीच, बदबूदार नालों के किनारे रहते हैं। वे अस्वच्छ और दुर्गंधमय वातावरण में जीवन बिताते हैं। खुशबू रचने वाले लोग सामाजिक और आर्थिक विषमताओं के शिकार होते हैं।

 

(ख) कविता में कितने तरह के हाथों की चर्चा हुई है ?

उत्तर – कविता में अनेक तरह के हाथों की चर्चा हुई है –

1.उभरी नसों वाले हाथ अर्थात् वृद्ध के हाथ

2.घिसे नाखूनों वाले हाथ अर्थात् श्रमिक वर्ग के हाथ

3 पीपल के पत्तों जैसे नए-नए हाथ अर्थात छोटे बच्चों के हाथ

4 जूही की डाल जैसे खुशबूदार हाथ अर्थात नवयुवतियों के सुंदर हाथ

5 गंदे कटे-पिटे हाथ

6.जख्म से फटे हुए हाथ

  

(ग) कवि ने यह क्यों कहा है कि खुशबू  रचते हैं हाथ ?

उत्तर – खुशबू रचते हैं हाथ  कवि ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि जहाँ अगरबत्तियाँ बनती है वहाँ का माहौल अत्यंत बदबूदार एवं गंदा होता है वहाँ प्रायः कूड़े करकट के ढेर लगे रहते हैं और ऐसे गंदे मोहल्लों में अगरबत्तियाँ बनाने वाले लोग रहते हैं। इन गरीब मज़दूरों के हाथ सुगंधित अगरबत्तियों का निर्माण करते हैं और सुख-सुविधाएँ उपलब्ध करवाकर, हमारे जीवन को खुशबू से महकाते हैं। खुशबूदार अगरबत्तियाँ बनाने वाले लोग, स्वयं बदहाली का जीवन बिताकर दूसरों के जीवन में खुशहाली लाते हैं। खुशबू रचते हैं हाथ ऐसा कहकर कवि ने मेहनतकश लोगो का गुणगान किया है।

 

(घ)  जहाँ अगरबत्तियाँ बनती है वहाँ का माहौल कैसा होता है?

उत्तर – जहाँ अगरबत्तियाँ बनती है वहाँ का माहौल बहुत गंदा और बदबू भरा होता है। अगरबत्तियाँ बनाने वाले कारीगर झोपड़पट्टी में रहते हैं, जहाँ प्रायः कूड़े -करकट के ढेर होते हैं, मक्खियाँ भिनभिना रही होती हैं,घरों से निकलने वाले गंदे पानी की नलियाँ बह रही होती हैं। चारों ओर दुर्गन्धमय वातावरण होता है।

 

(ड़) इस कविता को लिखने का मुख्य उद्देश्य क्या है?

उत्तर – इस कविता को लिखने का मुख्य उद्देश्य सामाजिक विषमताओं को बेनक़ाब करना है।कवि बताना चाहता है कि जो वर्ग समाज में सौंदर्य और सुगंध की रचना कर रहा है वही वर्ग अभाव में और गंदगी में उपेक्षित जीवन जीने के लिए मजबूर है। कविता को लिखने का मुख्य उद्देश्य अगरबत्तियाँ बनाने वाले लोगों के उपेक्षित जीवन का चित्रण करके समाज में उनके उद्धार की चेतना जगाना भी है ताकी समाज के निर्माण में योगदान देने वाले इन उपेक्षित लोगों के जीवन स्तर को ऊँचा उठाने के लिए, समाज मिलकर प्रयास करे और इन्हें भी जीवन जीने के लिए स्वच्छ वातावरण मिल सके।

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2.व्याख्या कीजिए

(क) (i) पीपल के पत्ते से नए नए हाथ

       जूही की डाल से खुशबूदार हाथ

उत्तर – (i) व्याख्या – प्रस्तुत पंक्तियों के माध्यम से कवि कहना चाहता है कि समाज के लिए खुशबू रचने में छोटे-छोटे बच्चे भी लगे हुए हैं, जिनके हाथ पीपल के पत्तों जैसे कोमल है और साथ ही युवतियाँ भी इस कार्य में लगी हुई है जिनके हाथ जूही की डाल के समान सुंदर और खुशबूदार होते हैं। गरीबी के कारण छोटे-छोटे बच्चे और नवयुवतियों अत्यंत कठोर श्रम करने के लिए मजबूर हैं। इन पंक्तियों के द्वारा कवि पाठकों को बताना चाहता है कि यह इनके जीवन की विडंबना है कि मजदूर का पूरा परिवार इस कार्य में लगा रहता है फिर भी उनकी स्थिति नहीं सुधरती।

 

   (ii) दुनिया की सारी गंदगी के बीच

      दुनिया की सारी खुशबू

      रचते हैं हाथ

उत्तर – (ii) व्याख्या – प्रस्तुत पंक्तियों के माध्यम से कवि कहना चाहता है कि जो वर्ग समाज में सौंदर्य और सुगंध की रचना कर रहा है, वही वर्ग अभाव में और गंदगी में उपेक्षित जीवन जीने के लिए मजबूर है। दुनिया भर के लिए खुशबू रचने वाले लोग अर्थात अगरबत्ती बनाने वाले गरीब तबके के लोग होते हैं। ऐसे लोग अत्यंत कठोर परिस्थितियों में गंदी बस्तियों में, तंग गलियों में, कूड़े करकट के ढेरों के बीच, बदबूदार नालों के किनारे रहते हैं। वे अस्वच्छ और दुर्गंधमय वातावरण में, दुनिया भर की गंदगी के बीच जीवन बिताते हैं अर्थात् खुशबू रचने वाले लोग सामाजिक और आर्थिक विषमताओं के शिकार होते हैं।

 

(ख) कवि ने इस कविता में बहुवचन का प्रयोग अधिक किया है इसका क्या कारण है ?

उत्तर – कवि ने इस कविता में बहुवचन का प्रयोग अधिक किया है, इसका कारण यह है कि अगरबत्तियाँ बनाने के काम में कारीगरों के पूरे -पूरे परिवार लगे होते हैं। इसके माध्यम से कवि यह बताना चाहता है कि कारीगर का पूरा परिवार इस कार्य में लगा रहता है फिर भी उनकी स्थिति नहीं सुधरती और यह समस्या केवल एक करीग़र की नहीं है,यह सामूहिक समस्या है। बहुवचन का प्रयोग करके कवि ने अपने कथन पर बल देने का प्रयास किया है।

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(ग) कवि ने हाथों के लिए कौन-कौन से विशेषणों का प्रयोग किया है ?

उत्तर – कवि ने हाथों के लिए अनेक विशेषणों का प्रयोग किया है – 

1.उभरी नसों वाले हाथ

2.घिसे नाखूनों वाले हाथ

3 पीपल के पत्तों जैसे नए-नए हाथ 

4 जूही की डाल जैसे खुशबूदार हाथ 

5 गंदे कटे-पिटे हाथ

3.जख्म से फटे हुए हाथ

 

                    स्वमूल्यांकन हेतु प्रश्न

 

प्रश्न 1– ‘ख़ुशबू रचने वाले हाथ’ गंदे स्थानों पर रहने के लिए विवश क्यों हैं?

प्रश्न 2– उभरी नसों वाले हाथ से कवि ने किस आयु वर्ग के लोगों की ओर संकेत किया है?

प्रश्न 3– ‘टोले’ से क्या अभिप्राय है?

प्रश्न 4– मज़दूर अपने कार्य में किस -किस की सहायता लेता है?

प्रश्न 5– ख़ुशबू किसके हाथों द्वारा रची जाती है?

प्रश्न 6– ‘पीपल के पत्ते से नए नए हाथ’ से कवि का क्या तात्पर्य है?

प्रश्न 7– ‘दुनिया की सारी गंदगी के बीच दुनिया की सारी खुशबू रचते रहते हैं हाथ’, इन पंक्तियों का मर्म स्पष्ट कीजिए।

प्रश्न 8– अगरबत्तियों में कौन -कौन सी सुगंध होती हैं?

प्रश्न 9– ‘ख़ुशबू रचने वाले हाथ’ कविता के माध्यम से कवि धनी वर्ग से क्या अपेक्षा करता है? स्पष्ट कीजिए।

प्रश्न 10– ‘ख़ुशबू रचने वाले हाथ’ कविता का मूल उद्देश्य क्या है?

प्रश्न 11-“खुशबू रचते हैं हाथ” कविता में आर्थिक रूप से अशक्त लोग अपना निर्वाह करने के लिए गंदी बस्तियों में रहते हैं तथा “एक फूल की चाह” कविता में एक असहाय पिता अपनी पुत्री की अंतिम इच्छा पूरी नहीं कर पाता दोनों की असमर्थता में क्या अंतर है? अपने शब्दों में लिखो ।

 

  

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