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Patra Lekhan Anupcharik Patra Class 9 ,अनौपचारिक पत्र लेखन

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अनौपचारिक पत्र लेखन

अनौपचारिक पत्र लेखन

अनौपचारिक पत्र लेखन

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आधुनिक काल में पत्रों का हमारे जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है पत्रों के माध्यम से हम अपने मनोभावों विचारों को एक दूसरे तक पहुँचाते हैं सगे संबंधियों से संपर्क बनाए रखते हैं। अनेक घरेलू बातों से लेकर देश काल की बातों का परस्पर आदान-प्रदान करते हैं ।वर्तमान युग में पत्रों का प्रयोग व्यापारिक संबंधों में भी होने लगा है। अतः पत्र लिखते हमें अत्यंत सावधान रहना चाहिए।

पत्र सामान्यतः दो प्रकार के होते हैं

औपचारिक पत्र

अनौपचारिक पत्र

सगे संबंधियों मित्रों और रिश्तेदारों परिचितों आदि को लिखे गए पत्र अनौपचारिक पत्र कहलाते हैं इन्हें व्यक्तिगत पत्र भी कहा जाता है इस प्रकार के पत्रों में व्यक्ति से संबंधित सुख-दुख हर्ष उत्साह आदि का वर्णन किया जाता है। अनौपचारिक पत्रों की भाषा आत्मीय व हृदय को स्पर्श करने वाली होनी चाहिए।

अनौपचारिक पत्र लिखते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए-

-पत्र में ऊपर बाईं ओर पत्र भेजने वाले का संक्षिप्त पता लिखा होना चाहिए।

-पते के नीचे , पत्र लिखने की तिथि का उल्लेख अवश्य करें।

-पत्र का आकार संक्षिप्त होना चाहिए तथा विषय के अनुकूल होना चाहिए।

-कम से कम शब्दों में अधिक बात कहने की कोशिश करनी चाहिए।

-पत्र की भाषा सरल, सामान्य, मधुर एवं आदर सूचक एवं शुद्ध होनी चाहिए

-पत्र इस तरह से लिखा जाना चाहिए कि पत्र का संदेश स्पष्ट हो सके।

 

                        अनौपचारिक पत्र

 

प्रश्न 1- अपनी बहन को पत्र लिखकर योगासन करने के लिए प्रेरित कीजिए।

परीक्षा भवन,

अ. ब. स.

दिनांक- 27 अप्रैल, 2020

प्रिय बहन,

सदा खुश रहो।

मैं यहाँ कुशलपूर्वक हूँ, आशा है वहाँ पर भी सभी कुशल होंगें। अभी-अभी मुझे पिता जी का पत्र प्राप्त हुआ और उनसे घर के सभी समाचार ज्ञात हुए। साथ ही साथ यह भी पता चला कि तुम्हारा स्वास्थ्य कुछ ठीक नहीं रहता। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखा करो।

तुम्हें तो पता ही है कि पहला सुख, स्वस्थ शरीर को कहा जाता है। इसके लिए आवश्यक है कि तुम हमेशा योगासन करो। भाग-दौड़ भरी जिंदगी में व्यस्त रहने के कारण कोई भी स्वास्थ्य की ओर ध्यान नहीं देता। योग एक ऐसा माध्यम है जो शरीर को स्वस्थ रखने में महत्पूर्ण भूमिका निभाता है इसलिए मैं तुम्हें यही सलाह दूँगी कि तुम नियमित रूप से योग किया करो जिससे तुम्हारा शरीर चुस्त और फुर्तीला हो जाएगा।

आशा करती हूँ कि तुम मेरी इस सलाह को मानोगी और अपने जीवन में योग को महत्त्व दोगी। मुझे पूर्ण विश्वास है कि तुम जल्द ही स्वस्थ हो जाओगी। माता-पिता को प्रणाम और भाई को मेरा प्यार देना।

तुम्हारी बहन

क ख ग

 

 

प्रश्न 2 जन्मदिन पर उपहार भेजने के लिए धन्यवाद करते हुए मामा जी को पत्र लिखें-

परीक्षा भवन

16 दिसंबर,2020

पूज्य चाचा जी,

चरणस्पर्श

मैं यहाँ कुशलपूर्वक हूँ, आशा करती हूँ कि आप भी वहाँ कुशल होंगे। आदरणीय मामा जी पिछले सप्ताह मेरा जन्मदिन था और मुझे वह पत्र प्राप्त हुआ जिसमें आपने न आने का कारण बताया था, मैं उस बात को लेकर बहुत ही ज़्यादा नाराज़ हूँ। मैं आपके आने की उम्मीद लगाकर बैठी थी और आपने न आकर, मेरी सारी उम्मीदों पर पानी फ़ेर दिया।

आपने उस पत्र के साथ मेरे जन्मदिन का उपहार भी भेजा था, हालांकि कोई भी उपहार आपकी मौजूदगी से ज़्यादा खुशी नहीं दे सकता, लेकिन यह उपहार पाकर मैं बहुत ज़्यादा खुश और संतुष्ट महसूस कर रही हूँ । मामा जी आप यह जानते हैं कि मैं समय का कितनी अधिक पाबन्द हूँ और इसलिए आपने यह घड़ी मुझे भेंट स्वरूप देकर, मेरे इरादों को और भी ज़्यादा मजबूत किया है। आपकी यह घड़ी मुझे अनुशासन और समय के महत्व के बारे में सदैव बताती रहेगी। मैं यह घड़ी पाकर बहुत ज्यादा खुश हूँ और यह प्रार्थना करती हूँ कि मेरे अगले जन्मदिन पर आप भी मौजूद रहें।

मामी जी को चरण स्पर्श कहिएगा और पल्लवी और पारुल को मेरा बहुत सारा स्नेह दीजिएगा। छुट्टियाँ होते ही मैं आप सभी से अवश्य मिलने आऊँगी।

आपकी

क ख ग

 

प्रश्न3 परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर मित्र को बधाई पत्र लिखिए।

परीक्षा भवन,

अ. ब. स.

20-जून-2019

प्रिय सखी आँचल,

मैं कुशल-मंगल हूँ और आशा करता हूँ कि वहाँ पर भी सभी कुशल-मंगल होंगें। काफ़ी समय हो गया था, न तो तुमसे बात हो पाई और न ही तुम्हारे घर पर किसी से बात कर पाई ।

तुम्हारे पिता जी को फ़ोन किया, तो उनसे ज्ञात हुआ कि तुम बोर्ड परीक्षा में मुरादाबाद जिले में प्रथम आई हो। इस समाचार को सुनकर मन ख़ुशी से भर गया। मुझे तो पहले से ही विश्वास था कि तुम प्रथम श्रेणी में अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होंगी लेकिन यह जानकार कि तुमने परीक्षा में प्रथम श्रेणी के साथ-साथ जिले में प्रथम स्थान भी प्राप्त किया है ,मेरी प्रसन्नता की सीमा न रही। इस परीक्षा के लिए तुम्हारे परिश्रम और नियमितता ने ही वास्तव में, तुम्हें ऊँचाई तक पहुँचाया है। मुझे पूरी आशा थी कि तुम्हारा परिश्रम रंग दिखाएगा और मेरा अनुमान सच साबित हुआ। तुमने प्रथम स्थान प्राप्त कर यह सिद्ध कर दिया कि दृढ संकल्प और कठिन परिश्रम से कुछ भी प्राप्त किया जा सकता है।

मैं सदैव यह कामना करूँगी कि तुम्हें जीवन में, हर परीक्षा में प्रथम आने का सौभाग्य प्राप्त हो और तुम इसी प्रकार परिवार और विद्यालय का गौरव बढ़ाती रहो। इस प्रकार मेहनत करती रहो और सभी को प्रसन्नता प्रदान करती रहो।

अपने माता -पिता जी को मेरा प्रणाम कहना और नील, शौर्य को मेरा बहुत सारा स्नेह देना।

तुम्हारा मित्र

क ख ग

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प्रश्न 4– छात्रावास में रह रहे अपने छोटे चचेरे भाई को सोशल मीडिया के दुष्परिणामों से अवगत कराते हुए पत्र लिखिए –

 

प्रिय अनुज ,

सदा खुश रहो

आज ही तुम्हारा पत्र मिला पत्र पढ़कर अत्यंत प्रसन्नता हुई कि तुम्हारे प्रथम आने पर पापा ने तुम्हें स्मार्ट फोन उपहार में दिया है। सबसे पहले तो प्रथम आने पर तुम्हें बहुत-बहुत बधाई। तुम्हारा बड़ा भाई होने के नाते मैं तुम्हें स्मार्ट फ़ोन, सोशल मीडिया के दुष्परिणामों से अवगत कराना चाहता हूँ जिससे तुम सचेत होकर इसका उपयोग कर सको।

तुम्हें वॉट्सऐप, फेसबुक सब कुछ बहुत अच्छा लगेगा धीरे-धीरे जब तुम इसके आदी हो जाओगे तो तुम्हारे सारे काम अधूरे रह जाएँगे पढ़ाई से मन हटने लगेगा। तुम्हें पता ही नहीं चलेगा कि तुमने स्मार्टफोन इस्तेमाल करते-करते कितना समय बिता दिया है। मित्रों और परिवारों से दूर हो जाओगे यह रंगीन जगत शुरू -शुरू में बहुत लुभावना लगेंगे क्योंकि यहाँ कोई रोक टोक नहीं होगी। धीरे-धीरे तुम्हारी शारीरिक व मानसिक कार्यकुशलता घटने लगेगी और तुम्हारा भविष्य अंधेरे में डूब जाएगा।

मैं जानता हूँ कि तुम एक समझदार और जिम्मेदार लड़के हो और अब इन दुष्परिणामों को जानकर, केवल जरूरी कार्य के लिए ही स्मार्ट फ़ोन का इस्तेमाल करोगे और हमें निराश नहीं करोगे।  चाचा जी और चाची जी को मेरा प्रणाम तथा अथर्व को प्यार।

तुम्हारा अग्रज

क ख ग

 

प्रश्न 5- रुपये मांगने के लिए अपने पिताजी को बहुत लिखिए।

परीक्षा भवन,

अ. ब. स.

दिनांक- 27 अप्रैल, 2020

पूज्य पिताजी

सादर चरणस्पर्श

आपका पत्र प्राप्त हुआ, यह जानकर प्रसन्नता हुई कि घर पर सब सकुशल हैं ,मैं भी पूर्ण सवस्थ एवं प्रसन्न हूँ। पिताजी मेरी पढ़ाई यहाँ बहुत अच्छी चल रही है और अगले महीने सत्रीय परीक्षा आरंभ होने वाली है। मेरी तैयारी लगभग पूरी हो गई है पर इस समय मुझे कुछ रुपयों की बहुत आवश्यकता है क्योंकि परीक्षा के लिए मुझे कुछ ज़रूरी किताबें खरीदनी है और मुझे नए जूते भी खरीदने है क्योंकि पुराने जूते फट गए हैं।

आप 2000 रुपये मनीऑर्डर द्वारा जल्दी से जल्दी भेज दीजिए। माताजी को मेरा चरण स्पर्श  और इनाया को प्यार।

पत्र लिखते रहा कीजिए , आपके लिखे पत्रों से मेरा मनोबल बढ़ता है।

आपका पुत्र

क ख ग

 

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