NCERT Solutions for Naye Ilake Me Class 9 Hindi Sparsh
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अरुण कमल का जन्म बिहार में 15 फ़रवरी 1954 को हुआ था। वे वर्तमान समय में पटना विश्वविधालय के प्राध्यापक हैं। अपनी केवल धार, सबूत, नए इलाके में इत्यादि उनकी प्रमुख कृतियों में से एक है। उन्होंने प्रसिद्ध बाल उपन्यास जंगल-बुक का हिन्दी में अनुवाद किया। उन्हें भारतीय काव्य में उनके योगदान के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
अरुण कमल की कविताओं में जीवन के विविध क्षेत्रों का वर्णन मिलता है। इन्होनें अपनी कविताओं में जीवन के हर पहलू को बड़ी कुशलता से दर्शाया है और वर्तमान समय की शोषणमूलक व्यवस्था के खिलाफ आक्रोश भी खुलकर इनकी कविताओं में सामने आया है।
इस कविता में दुनिया की वर्तमान समय की परिस्थितियों का वर्णन किया गया है, जो एक ही दिन में पुरानी पड़ जाती है। यह इस बात का का बोध कराती है की जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं होता दुनिया पल पल में बनती और बिगड़ती रहती है इस पल स्मृतियों के भरोसे नहीं दिया जा सकता।
कवि कहता है कि वह नए बस्ते इलाकों में तथा नए-नए बनते मकानों के कारण रोज़ अपने घर का रास्ता भूल जाता है और घर तक पहुंचने वाले रास्ते में पड़ने वाले निशानों को याद रखता हुआ आगे बढ़ता है लेकिन उसे वे निशान नहीं मिलते वह अक्सर दो घर आगे चला जाता है या एक घर पीछे रह जाता है इसलिए वह कहता है कि यहाँ स्मृतियों का कोई भरोसा नहीं है। यह दुनिया एक ही दिन में पुरानी पड़ जाती है।
अब घर ढूंढने का एक ही रास्ता है कि वह हर घर का दरवाजा खटखटाकर पूछे कि क्या यह वही घर है जिसमें उसे जाना था पर इसके लिए भी समय बहुत कम है। कवि को डॉक्टर है कि कही इतने समय में फिर से कोई बदलाव ना हो जाए। उसके मन में एक आशा जागती है कि शायद उसका कोई जाना पहचाना ,उसे भटकते हुए देख कर उसे पुकारे और कहे कि यह वही घर है जहाँ उसे जाना था।
प्रश्न (क) नए बसते इलाक़े में कवि रास्ता क्यों भूल जाता है?
उत्तर – नए बसते इलाक़े में कवि रास्ता इसलिए भूल जाता है क्योंकि नित नए मकान बन रहे हैं।अपनी मंज़िल पर पहुँचने के लिए कवि जिन निशानियों को पहचान के रूप में चिह्नित करता है, नए मकान बनने के कारण वे सभी निशानियाँ नष्ट हो जाती हैं इसलिए कवि रास्ता भूल जाता है।
प्रश्न (ख) कविता में कौन -कौन से पुराने निशानों का उल्लेख किया गया है?
उत्तर – कविता में पीपल का पेड़, ढहा हुआ घर, ख़ाली ज़मीन का टुकड़ा, बिना रंग वाले लोहे के फाटक वाला एकमंज़िला मकान जैसे पुराने निशानों का उल्लेख किया गया है।
प्रश्न (ग) कवि एक घर पीछे या दो घर आगे क्यों चल देता है?
उत्तर – कवि के परिचित पुराने इलाक़े में परिवर्तन आ चुका है। कवि को जब पुरानी निशानियाँ दिखाई नहीं देतीं तो वह अनुमान से ही उस जगह को खोजता है जहाँ उसे जाना है। नई इमारतों के निर्माण और अपनी चिह्नित निशानियों के अभाव में उसे दिशा भ्रम हो जाता है इसलिए वह कभी एक घर पीछे या दो घर आगे चल देता है।
प्रश्न (घ) ‘वसंत का गया पतझड़’ और ‘बैसाख का गया भादों को लौटा’ से क्या अभिप्राय है?
उत्तर – ‘वसंत का गया पतझड़’ और ‘बैसाख का गया भादों को लौटा’ से अभिप्राय है-‘एक लंबा अंतराल’ कुछ ही समय में अचानक बहुत अधिक परिवर्तन। जिस प्रकार वसंत ऋतु के बाद पतझड़ आने पर काफ़ी परिवर्तन आ जाता है, बैसाख के बाद भादो आने पर बहुत परिवर्तन आ जाता है। उसी प्रकार कवि जब उसी इलाक़े में दोबारा आता है, उसे ज़मीन-आसमान का अंतर दिखाई देता है।
प्रश्न (ड़) कवि ने इस कविता में ‘समय की कमी’ की ओर क्यों इशारा किया है?
उत्तर – कवि ने इस कविता में ‘समय की कमी’ की ओर इसलिए इशारा किया है क्योंकि जीवन तेज़ गति से चल रहा है, इस परिवर्तनशील संसार में हर व्यक्ति अपने काम में व्यस्त है। परिस्थितियाँ तेज़ी से बदल रही हैं, सबके पास समय का अभाव है।
आकाश में बादल भी छाए हैं, जल्दी बारिश होने के आसार भी नज़र आ रहे हैं इसलिए कवि के कहता है कि समय की कमी है और मन में केवल एक ही उम्मीद बची है कि शायद कोई जाना-पहचान व्यक्ति उसे पुकार ले।
प्रश्न (च) इस कविता में कवि ने शहरों की किस विडंबना की ओर संकेत किया है?
उत्तर – इस कविता में कवि ने शहरों की इस विडंबना की ओर संकेत किया है कि शहरों का स्वरूप लगातार बदल रहा है। कवि ने एक ऐसी दुनिया का वर्णन किया है जो एक ही दिन में पुरानी पड़ जाती है।
आधुनिक युग में शहरों की विडंबना यह है कि आज के इस परिवर्तनशील समय में मनुष्य की संवेदनाएँ व आत्मीयता समाप्त हो गई है। सभी अपने कामों में इतने व्यस्त हैं कि द्वार खटखटाने पर भी कोई मदद के लिए आगे नहीं आता। कवि ने अपनी इस कविता के माध्यम से शहरों की इसी विडंबना की ओर संकेत किया है।
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व्याख्या कीजिए –
प्रश्न – यहाँ स्मृति का भरोसा नहीं, एक ही दिन में पुरानी पड़ जाती है दुनिया
उत्तर – प्रस्तुत पंक्ति में कवि कहता है कि शहरों में विकास के नाम पर नित नए परिवर्तन हो रहे हैं। शहरों में स्मृतियों के भरोसे किसी को तलाशना बहुत मुश्किल काम है, यहाँ स्मृतियाँ अधिक दिनों तक स्थाई नहीं रहतीं, एक ही दिन में काफ़ी बदलाव आ जाते हैं।
प्रश्न – समय बहुत कम है तुम्हारे पास, आ चला पानी ढहा आ रहा अकास, शायद पुकार ले कोई पहचाना ऊपर से देखकर
उत्तर – प्रस्तुत पंक्तियों में कवि कह रहा है कि शहरों का स्वरूप लगातार बदल रहा है, सबके पास समय का अभाव है, स्मृतियों के भरोसे मंज़िल तक पहुँचना बहुत मुश्किल है।आकाश में बादल उमड़ रहे हैं और समय भी कम है ऐसे में कोई अपने गंतव्य को कैसे पहचानेगा। आशा की बस एक ही किरण है कि कोई जान -पहचान का व्यक्ति मिल जाए और पहचानकर पुकार ले।
स्वमूल्यांकन हेतु प्रश्न
प्रश्न 1– कवि धोखा क्यों और कैसे खा जाता है?
प्रश्न 2– ‘एक ही दिन में पुरानी पड़ जाती है दुनिया’ कहकर कवि क्या बताना चाहता है?
प्रश्न 3– कवि किन बातों से धोखा खा जाता है?
प्रश्न 4– ‘नए इलाक़े में’ शीर्षक की सार्थकता पर प्रकाश डालिए।
प्रश्न 5–समय के विषय में कविता में क्या कहा गया है ?
प्रश्न 6– कवि को किस पर भरोसा नहीं है?
प्रश्न 7– ‘नए इलाक़े में’ कविता में कवि ने नए इलाक़े की किन विशेषताओं का उल्लेख किया है?
प्रश्न 8– मनुष्य को नए इलाक़े में किस समस्या का सामना करना पड़ता है?
प्रश्न 9– ‘नए इलाक़े में’ कविता में कवि कहाँ की स्थिति का वर्णन करता है?
प्रश्न 10– ‘धोखा दे जाते हैं पुराने निशान’ पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
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