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  ‘मैं’ ‘में’और ‘मे’ में अंतर  

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                                                      ‘मैं’ और ‘में’’ ‘मे’ में अंतर  

 

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मैं का प्रयोग         

कुछ शब्द  देखने में तो एक जैसे लगते हैं परंतु उनका अर्थ अलग- अलग होता है। जैसे- ‘मैं’ ‘में’ और ‘मे’

 

मैं – I (Self)

में – In (Inside)

मे – अकेला मे निरर्थक है।

 

‘मैं’ शब्द का प्रयोग हमेशा अपने बारे में बताने के लिए किया जाता है।

‘मैं’ में ‘ऐ’ की मात्रा लगती है।    

अगर इनका उच्चारण सही करेंगे तो आप लिखने में भी कभी गलती नहीं करेंगे।     

मैं लड़का हूँ।

मैं लड़की हूँ।

मैं रोज़ विद्यालय जाता हूँ।

मैं अपना काम स्वयं करता हूँ।

मैं ईमानदार हूँ।

उपरोक्त वाक्यों को ध्यान पूर्वक देखिए । सभी वाक्यों में ‘मैं’ शब्द का प्रयोग अपने बारे में बताने के लिए किया गया  है और ‘मैं’ में ‘ऐ’ की मात्रा लगी हुई है।

 इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि जब भी ‘मैं’ का प्रयोग करें तो उसका उच्चारण ठीक करें ।हम बोलते तो ‘मैं’ ही हैं लेकिन लिखते समय ‘मै’ लिख देते हैं।ध्यान से देखें उच्चारित ‘मैं’ में और लिखित ‘मै’ में बारीक -सा अंतर है।उच्चारित ‘मैं’ में अनुस्वार अर्थात् बिंदी का प्रयोग किया गया है लेकिन लिखते समय अनुस्वार अर्थात् बिंदी का प्रयोग नहीं किया गया जो सर्वथा ग़लत है । 

जब हम अपने लिए कोई बात करते हैं तो ‘मैं’ का प्रयोग करते हैं। अब  कुछ वाक्य और देखते हैं , जिनसे आपको  ‘मैं’ का प्रयोग और अच्छे से समझ आ जाएगा।

मैं खाना खाता हूँ।  

मैं कल जयपुर जाऊँगा।

मैं आज खाना नहीं खाऊँगा।

 

You May Like –‘का’, ‘के’, ‘की’ और ‘कि’ का प्रयोग

‘में ‘का प्रयोग  

  ‘में’ का प्रयोग कहाँ किया जाता है। ‘में’ किस प्रकार लिखा जाता है 

      – इसमें ए की मात्रा लगती है अर्थात् एक ही मात्रा लगती है।

  • ‘में’ के ऊपर अनुस्वार आता है।
  • ‘में’ एक  कारक चिह्न है।
  • सर्वनाम के साथ ‘में’ का प्रयोग करते समय ‘में’ को सर्वनाम शब्द से अलग लिखें। जैसे –इस में, उस में, किस में, जिस में आदि ।
  • इसमें, उसमें, किसमें, जिसमें लिखना ग़लत होगा।
  • सर्वनाम के साथ यदि दो कारक चिह्न आएँ तो उनमें से पहला कारक चिह्न सर्वनाम शब्द के साथ मिलाकर मिलाकर लिखा जाएगा और दूसरा अलग लिखा जाना चाहिए। जैसे – उनमें से, इनमें से, उसमें से, इसमें से, किसमें से आदि।
  • ‘में’ एक वाक्य को पूरा करने के लिए संज्ञा या सर्वनाम के साथ किसी वाक्य को पूरा करने के लिए संबंध  सूचक का काम करता है।जैसे –

  1.मज़दूर फ़ैक्ट्री में काम करता है।

  2.किसान खेत में हल जोतता है।

  3.माली बगीचे में फूल लगता है।

  उपरोक्त सभी वाक्यों में में का प्रयोग, संज्ञा के साथ, वाक्य को पूरा करने के लिए किया गया है और यह संबंध  सूचक का काम कर रहा है।

  • हिंदी में ‘में’ का प्रयोग हम अंग्रेज़ी के To(Preposition) अक्षर की तरह करते हैं।
  • ‘में’ का प्रयोग किसी वस्तु के अंदर होने की जगह पर किया जाता है।जैसे –

  चीनी डिब्बे के अंदर रखी है।                चीनी डिब्बे में रखी है।

  पैसे पर्स के अंदर हैं।                          पैसे पर्स में हैं।

  बाल्टी के अंदर पानी ले आओ।         बाल्टी में पानी ले आओ।

  ताजमहल आगरा के अंदर है।          ताजमहल आगरा में है।

  पौधा गमले के अंदर लगा दो।          पौधा गमले में लगा दो।

  उपरोक्त सभी वाक्यों में ‘में’ का प्रयोग ‘के अंदर’ के अर्थ में किया गया है।  

 

‘मैं’ और ‘में’ के प्रयोग के कुछ अन्य उदाहरण –

1 मैं बाल्टी में पानी भरता हूँ।

2 मैं जेब में पैसे रखती हूँ।

3 मैं बस्ते में किताब रखती हूँ।

4 मैं जानती हूँ, इस में क्या है ?

5 मै नहीं जानती कि इस में और उस में क्या अंतर है?

6 मैं उसमें से चाय लूँगी।

7 मैं इनमें से एक तुम्हें दे दूँगी।

 

उपरोक्त सभी वाक्यों में ‘मैं’ का प्रयोग स्वयं के लिए किया गया है। पहले,दूसरे और तीसरे  वाक्य में ‘में’ का प्रयोग संज्ञा शब्दों के बाद किया गया है । चौथे और पाँचवे वाक्य में ‘में ‘ का प्रयोग सर्वनाम के बाद किया गया है और ‘में’ को  सर्वनाम शब्द से अलग लिखा गया है क्योंकि मानक वर्तनी के अनुसार वाक्य में यदि सर्वनाम के साथ/बाद केवल एक ही कारक चिह्न आए तो उसे  सर्वनाम शब्द से अलग लिखा जाना चाहिए।

छठे और सातवें वाक्य में भी ‘में ‘ का प्रयोग सर्वनाम के बाद किया गया है लेकिन ‘में’ को  सर्वनाम शब्द से मिलाकर लिखा गया है क्योंकि मानक वर्तनी के अनुसार सर्वनाम के साथ यदि दो कारक चिह्न आएँ तो उनमें से पहला कारक चिह्न सर्वनाम शब्द के साथ मिलाकर मिलाकर लिखा जाए और दूसरा अलग लिखा जाना चाहिए।

 

 ‘मे’ का प्रयोग –

  • मे के ऊपर अनुस्वार नहीं लगता।
  • मे का कोई अर्थ नहीं होता।
  • इसे यूँ ही अकेले प्रयोग नहीं किया जा सकता।
  • मे के साथ जब तक कोई दूसरा अक्षर नहीं जोड़ा जाता तब तक इसका कोई मतलब नहीं होता।
  • मेरा, मेरी, मेरे जैसे शब्दों को लिखने में मे का प्रयोग होता है।

 

 

ध्यान देने योग्य कुछ बातें –

  • इस बात का हमेशा सदैव ध्यान रखें कि में और मैं को लिखते समय सदैव अनुस्वार लगाएँ। मे, मै लिखना ग़लत होगा।
  • ‘में’ एक वाक्य को पूरा करने के लिए संज्ञा या सर्वनाम के साथ किया जाता है।
  • सर्वनाम के साथ ‘में’ का प्रयोग करते समय ‘में’ को सर्वनाम शब्द से अलग लिखें। जैसे –
  • इस में, उस में, किस में, जिस में

      इसमें, उसमें, किसमें, जिसमें लिखना ग़लत होगा।

  • सर्वनाम के साथ यदि दो कारक चिह्न आएँ तो उनमें से पहला कारक चिह्न सर्वनाम शब्द के साथ मिलाकर  लिखा जाए और दूसरा अलग लिखा जाना चाहिए। जैसे –

      उनमें से, इनमें से, उसमें से, इसमें से, किसमें से आदि।

   यहाँ इस में से , उस में से, किस में से, जिस में से लिखना ग़लत होगा।

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