मुन्नार यात्रा ( Munnar Trip) , Kerela
1 min readमुन्नार यात्रा Munnar Trip
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मेरा अनुभव
मुन्नार पर्यटन का यह ब्लॉग मेरे स्वयं के अनुभव पर आधारित है और मुझे उम्मीद है कि यह ब्लॉग पाठकों को मुन्नार घूमने के लिए प्रेरित तो करेगा ही , घूमने में सहायक भी सिद्ध होगा ।
मुन्नार ट्रिप मेरा पहला ऐसा ट्रिप था, जब मैं पहली बार घर से अकेली निकली थी। मुन्नार ट्रिप पर मैं डरते-डरते गई थी। यह ट्रिप मैंने 2014 में डी पॉल टूर्ज़ एंड ट्रैवलज़ के साथ किया था। इस ट्रिप की शुरुआत का मेरा अनुभव सही नहीं था, दिल्ली से कोच्चि की मेरी फ़्लाइट छूट गई, दूसरी फ़्लाइट से कोच्चि पहुँची और कोच्चि से जिस बस से मुझे मुन्नार जाना था वह भी ज़ा चुकी थी।
किसी तरह मुन्नार पहुँची, अकेले डिनर किया और मन ही मन ये सोचकर दुखी होती रही कि अब अकेले ही पाँच दिन बिताने होंगे। पल -पल सोच रही थी कि अकेले ट्रिप करने का विचार बहुत बुरा है पर अकेली हूँ तो क्या घूमने की,नई -नई जगह देखने की अपनी इच्छा को मार देना चाहिए?
मैं हर पल दुआ कर रही थी कि कोई चमत्कार हो जाए, मेरा ट्रिप अच्छा जाए और ट्रिप पर खर्च किए मेरे पैसे बेकार ना जाएँ। दुआ दिल से माँगी थी तो पूरी होनी ही थी, मेरी दुआ क़ुबूल हुई, चमत्कार हुआ, अगले ही दिन मेरी मुलाक़ात हुई एक प्यारी सी लड़की नाहिद और उसकी छोटी बहन ईशी से।
नाहिद और ईशी अपने मम्मी -पापा के साथ ट्रिप पर आईं थीं। मुन्नार का पाँच दिन वो ट्रिप मैंने नाहिद और ईशी के साथ पूरा किया। मेरा पहला ट्रिप मेरे लिए यादगार ट्रिप बन गया और मुन्नार ट्रिप के बाद मैं हर साल ट्रिप पर जाती हूँ और वो भी अकेले।
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मुन्नार कैसे जाएँ ?
सड़क, वायु और ट्रेन मार्ग आदि माध्यमों के द्वारा मुन्नार पहुँचा जा सकता है।
सड़क मार्ग से ‘मुन्नार’ केरल राज्य के कई प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। आप आसानी से बस के माध्यम से मुन्नार पहुँच सकते हैं।
मुन्नार का सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन अलुवा रेलवे स्टेशन है। यह स्टेशन मुन्नार से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। रेलवे स्टेशन से मुन्नार जाने के लिए कार या बस के माध्यम से मुन्नार आसानी से पहुँचा ज़ा सकता हैं।
मुन्नार का अपना कोई हवाई अड्डा नही है। परन्तु अगर आप फ्लाइट से जाना चाहते है तो मुन्नार के सबसे निकट कोचीन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो मुन्नार से लगभग 110 किलोमीटर की दूरी पर है। आप इसके माध्यम से कोचीन पहुँच कर फिर यहाँ के स्थानीय साधन बस या कैब के माध्यम से मुन्नार आसानी से पहुँच सकते है।
मुन्नार में कहाँ रुकें ?
मुन्नार में हाई-बजट से लेकर, लो-बजट तक के होटल हैं, जिनका चुनाव अपनी सुविधानुसार चुनाव किया ज़ा सकता हैं।
- क्लब महिंद्रा मुन्नार होटल
- मैरी गोल्ड फार्म स्टे होटल
- द सिल्वर टिप्स
- फोर्ट मुन्नार
- प्रक्कट नेचर रिसोर्ट
मुन्नार घूमने के लिए अनुकूल समय
मुन्नार घूमने के लिए कम से काम पाँच दिनों की यात्रा की योजना बनानी चाहिए। आप आस-पास के पर्यटक आकर्षणों को भी देखने की योजना बना सकते हैं।मुन्नार की यात्रा का सबसे अच्छा समय जून से लेकर सितम्बर का माना जाता हैं। मुन्नार में जून से लेकर सितम्बर तक मानसून का मौसम रहता है ,मानसून के मौसम से सब बचना चाहते हैं लेकिन मुन्नार यात्रा का लुत्फ उठाने के लिए यह बेस्ट टाइम हैं।
मुन्नार घूमने में कितना पैसा खर्च होगा ?
मुन्नार घूमने के लिए आपके पास कम से कम 12000 से 15,000 रुपए होने चाहिए ।अपने शहर से कोच्ची और कोच्ची से मुन्नार पहुँचने का खर्च अलग से जोड़ें ।
मुन्नार में खाने के लिए प्रसिद्ध भोजन
यहाँ के स्थानीय भोजन में सबसे अधिक प्रसिद्ध इडली, बड़ा, सांभर तथा केले के चिप्स हैं। इसके साथ ही यहाँ की इलायची वाली चाय भी बहुत स्वादिष्ट होती है।इडली, बड़ा, सांभर खाने के लिए ज़रूरी नहीं कि आप किसी बड़े रेस्टरेंट में ही जाए , आप किसी ढाबे में भी लंच /डिनर कर सकते हैं क्योंकि ढाबे में भी इडली, बड़ा, सांभर उतना ही स्वादिष्ट मिलेगा।
मुन्नार में लोकप्रिय पर्यटक स्थल
मुन्नार का टॉप स्टेशन –
यह मुन्नार का सबसे ऊँचा स्थान है और इस क्षेत्र का सबसे ऊँचा रेलवे स्टेशन भी है। टॉप स्टेशन मुन्नार से लगभग 32 किलोमीटर दूर केरल और तमिलनाडु की सीमा पर स्थित है। इस हिल स्टेशन पर पहुँचकर आपको ऐसा महसूस होगा जैसे आप बादलों के बीच हैं । कुंडला घाटी में सबसे ऊपर होने की वजह से इस पहाड़ी स्टेशन को ये नाम दिया गया। यहाँ आस-पास की पहाड़ियाँ, साल में एक बार नीलकुरिंजी झाड़ियाँ नीले फूलों से लद ज़ाती हैं, और पहाड़ों को नीले रंग से रंग देती हैं।
नीलकुरिंजी –
मुन्नार यात्रा में देखने लायक स्थान नीलकुरिंजी बहुत ही सुन्दर स्थान है। यह स्थान अपने नीले फूलो के कारण जग प्रसिद्ध है। नीलकुरिंजी में 40 प्रकार के पुष्पों की जातियाँ है जिनमे से ज्यादातर नीले रंग के पुष्प है। नीले रंगों के पुष्पों के कारण नीलकुरिंजी के पहाड़ भी नीले प्रतीत होते हैं जोकि फोटोग्राफी के शौकीन पर्यटकों के दिल को छु जाते हैं। प्रकृति प्रेमियों के लिए तो मानो यह स्थान किसी जन्नत से कम नही हैं।
इको पॉइंट –
मुन्नार से 15 किलोमीटर की दूरी पर समुद्र तल से 600 फीट की ऊंचाई पर प्रसिद्ध इको प्वाइंट है। इस पॉइंट पर आप चिल्लाते समय अपनी आवाज़ की इको सुन सकते हैं। सुरम्य कुंडला झील के किनारे स्थित, इको पॉइंट धुंध भरे बादलों, पहाड़ियों, हरे-भरे घास के मैदानों और जंगलों से घिरा हुआ है। पहाड़ी की चोटी पर ट्रेकिंग करने वालों और इको पॉइंट एडवेंचर के दीवाने लोगों के लिए यह स्वर्ग जैसा है। यहाँ झील में बोटिंग भी का लुत्फ़ भी उठाया ज़ा सकता हैं। ये जगह देसी और विदेशी पक्षियों को देखने के लिए भी जानी जाती है
कुंडला डेम एंड लेक –
कुंडाला डेम एंड लेक बहुत ही आकर्षक जगह है यह समुद्र तल से लगभग 1700 मीटर की उंचाई पर स्थित है। यह स्थान मुन्नार से लगभग 27 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। कुंडाला बाँध एशिया महाद्वीप का पहला आर्क बाँध है। पर्यटक इस झील तथा बाँधको देखने के लिए दूर–दूर से आते है। यहाँ कश्मीरी–शिकारा की नाव चलने का अद्भुत आनंद भी टूरिस्ट लेते हैं।
मुन्नार में टी म्यूजियम –
यह अनोखा संग्रहालय नल्लथन्नी एस्टेट में स्थित है। यहाँ चाय के शौकीनों को जरूर आना चाहिए। जिसमें रोटरवेन (चाय प्रोसेसिंग की मशीन), सन 1905 का टी रोलर, दूसरी सदी की केतली जो टी इस्टेट में ही पाई गई थी और औपनिवेशिक काल की कुछ दिलचस्प जानकारियाँ और फोटोग्राफ शामिल हैं। संग्रहालय में मुन्नार का इतिहास और चाय बागानों के उत्थान की पूरी कहानी है जो आपको उस समय में ले जाएँगी जब मुन्नार केवल एक पहाड़ी इलाका हुआ करता था।
एराविकुलम नेशनल पार्क –
मुन्नार से 45 मिनट की ड्राइव करके आप इस जगह पर पहुँच सकते हैं।एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान (जिसे राजामलाई वन्यजीव अभयारण्य भी कहा जाता है) में वनस्पतियों और जीवों की एक समृद्ध और विविध विविधता है और यह यूनेस्को का विश्व धरोहर स्थल भी है। हाथी, नीलगिरि लंगूर, नीलगिरी मार्टन, एटलस मोथ (दुनिया में सबसे बड़ा), शेर की पूंछ वाला मकाक, छोटे पंजे वाला ऊदबिलाव, और एक दुर्लभ बाघ , तेंदुआ कुछ मुख्य पशु प्रजातियाँ हैं जिन्हें ययाँ देखा जा सकता है।
अनामुडी पीक –
अनामुड़ी पीक दक्षिण भारत की सबसे ऊँची चोटियों में से एक है। अनामुड़ी चोटी बिलकुल हाथी की आकृति की प्रतीत होती है और यही खास वजह है जिससे इसका नाम अनामुड़ी पड़ा हैं क्योकि अनामुड़ी का मतलब ही हाथी का माथा होता है। सूर्य उदय के समय यह पर्यटन स्थान शानदार दिखाई देता हैं इसकी सुन्दरता शब्दों में बयान नही की जा सकती हैं। एक बार आप भी इस स्थान पर घूमने जरूर जाएँ ।
लक्कम वाटरफॉल –
लक्कम वाटरफॉल वागवुरई स्टेट के पास स्थित एक सुन्दर जलप्रपात है। वागवुरई घाटी लक्कम वाटर फाल की सुन्दरता को बहुत ज़्यादा बढा देती है। यह स्थान फोटोग्राफी के शौकीन पर्यटकों के लिए बहुत ही आकर्षक और अलौकिक सौन्दर्य से भरा हुआ टूरिस्ट प्लेस है।
पुनर्जन्नी ट्रेडिशनल विलेज –
पुनर्जनी, केरल के मुन्नार शहर से 18 किलोमीटर की दूरी पर पल्लीवासल में स्थित है। यह सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए जाना जाता है, यहाँ प्रतिदिन एक घंटे के लिए कला से सम्बंधित शो आयोजित किया जाता हैं।
पॉवर हाउस फाल्स –
पॉवर हाउस फाल्स बहुत ही प्रसिद्ध फॉल है ऐसा माना जाता है कि माता सीता ने इस झरने में स्नान किया था। यह झरना पर्यटन की दृष्टि से बहुत ही सुहावना है। यह पहाड़ी रिसोर्ट में स्थित है जो की केरल के मुन्नार का मुख्य पर्यटन स्थल है।
हाथी की सवारी के लिए एलिफेंट अराइवल स्पॉट –
मुन्नार की यात्रा पर आने वालों को हाथी की सवारी तो ज़रूर करनी चाहिए । मुन्नार से लगभग 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एलिफेंट अराईवल स्पॉट हाथी की सवारी के लिए फेमस है। जंगल घूमने के लिए आप यहाँ हाथी की सवारी कर सकते है जोकि एक अलग प्रकार के आनंद की अनुभूति है।
ब्लोसम पार्क –
ब्लोसम पार्क वाटर साइकिलिंग, स्केटिंग तथा वोटिंग के लिए फेमस है। इसमें ट्री हाउस और रोपवे के छोटे – छोटे स्थान बहुत ही रोमांचक और आकर्षक है। यह भी मुन्नार का बहुत ही शानदार पर्यटक स्थल है।
फ्लोरीकल्चर सेंटर –
मुन्नार यात्रा में यहां का फ्लोरीकल्चर सेंटर घूमने जरूर जाए जोकि अपने हर्बल पौधों के लिए बहुत अधिक फेमस है। यह मुन्नार की प्रमुख आकर्षक जगहों में से एक है।
बर्ड सैंक्चुअरी मुन्नार –
सलीम अली बर्ड सैंक्चुअरी मुन्नार का प्रमुख आकर्षण है यहाँ ऐसी प्रजातियों के पक्षी पाए जाते है जो अन्य कही नही देखना शायद ही नसीब हो। पक्षियों में तथा चिड़िया घरों में रूचि रखने वालों के लिए यह एक शानदार टूरिस्ट प्लेस हैं।
वलरा फाल्स –
मुन्नार पर्यटन से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर देवियानार नदी के तट पर स्थित वलरा फाल्स बहुत ही आकर्षक और आश्चर्यजनक सौन्दर्य से परिपूर्ण स्थान है यह पर्यटकों को सहज ही अपनी और आकर्षित करता है ।
कलारी क्षेत्र –
कलारी क्षेत्र को मार्शल आर्ट की जननी माना जाता है यही से कुंगफू तथा कराटे का विकास हुआ था। आज भी मुन्नार में कलारी क्षेत्र में कला शालाओं और प्रदर्शन केन्द्रों का आयोजन किया जाता है। यह भी मन्नार के प्रमुख टूरिस्ट स्थानों में से एक हैं।
ट्री हाउस –
ट्री हाउस मुन्नार की एक ऐसी जगह है जहाँ लोग छुट्टियों में रहना बहुत अधिक पसंद करते है। यहाँ के हरे-भरे चाय तथा मसालों के बागानों के बीच रहने का विचार ही पर्यटकों के मन को ख़ुशी से भर देता है। इस जगह को मुन्नार की सबसे अनोखी जगहों में से एक माना जाता है।
राजमलाई वाइल्डलाइफ सेंचुरी –
राज मलाई वाइल्डलाइफ सेंचुरी पहले सामान्य पार्क था परन्तु केरल सरकार ने 1975 में इसे वाइल्डलाइफ सेंचुरी के रूप में तब्दील कर दिया हैं। 1978 में इसे नेशनल पार्क घोषित कर दिया गया। यह मुन्नार का बहुत ही सुन्दर तथा आकर्षक पार्क है। इस पार्क को तीन अलग–अलग भागों में बांटा गया है। पर्यटक केवल टूरिस्ट पार्ट में ही प्रवेश कर सकते है।
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Very beautiful ma’am
Thanks