पदबंध – पाठ्यपुस्तक स्पर्श से पदबंधों के उदाहरण
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पाठ्यपुस्तक स्पर्श से पदबंधों के उदाहरण
पाठ्यपुस्तक स्पर्श से पदबंधों के उदाहरण

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संज्ञा पदबंध
पाठ – 1 बड़े भाई साहब
- मेरे भाई साहब मुझसे पाँच साल बड़े लेकिन तीन दर्जे आ गए थे।
- इस भवन की बुनियाद खूब मजबूत डालना चाहते थे।
- आपकी वह घोर तपस्या कहाँ गई ?
- मैं उनकी इस नई युक्ति से नतमस्तक हो गया।
पाठ – 2 डायरी का पन्ना
- सुभाष बाबू के जुलूस का भार पूर्णोदास पर था।
- बहुत आदमी घायल हुए।
- मारवाड़ी बालिका विद्यालय की लड़कियों ने अपने विद्यालय में झंडोत्सव मनाया।
- पुलिस कमिश्नर का नोटिस निकल चुका था।
पाठ – 3 तताँरा वामीरो कथा
- तताँरा एक नेक और मददगार व्यक्ति था।
- तताँरा की तलवार एक विलक्षण रहस्य थी।
- दोनों के ह्रदय व्यथित थे।
- कुछ समय बाद बासा गाँव में पशु-पर्व का आयोजन हुआ।
पाठ – 4 तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेन्द्र
- शैलेंद्र ने राजकपूर की भावनाओं को शब्द दिए हैं।
- मुकेश की आवाज़ में शैलेन्द्र का यह गीत तो और अद्वितीय बन गया है।
- हमारी फिल्मों की सबसे बड़ी कमजोरी होती है लोकतत्व का अभाव।
- तीसरी कसम शैलेंद्र के जीवन की पहली और अंतिम फ़िल्म है।
पाठ – 6 अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले
- वहाँ एक काला च्योंटा रेंग रहा था।
- ग्वालियर में हमारा एक मकान था।
- उसमें कबूतर के एक जोड़े ने घोंसला बना लिया था।
- नेचर की सहनशक्ति की एक सीमा होती है।
पाठ – 7 पतझर में टूटी पत्तियाँ
- शुद्ध सोना अब अलग हैं और गिन्नी का सोना अलग।
- व्यवहारवादी लोग हमेशा सजग होते हैं।
- यहाँ के अस्सी फीसदी लोग मनोरुग्ण है।
- वह एक छह मंजिली इमारत थी।
पाठ – 8 कारतूस
- जंगल की जिंदगी बड़ी खतरनाक होती है।
- सआदत अली हमारा पुराना दोस्त है।
- वजीर अली की आजादी बहुत खतरनाक है।
- वो एक जाँबाज सिपाही है।
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विशेषण पदबंध
पाठ – 1 बड़े भाई साहब
- एक साल का काम दो साल में करते थे।
- आपकी वह घोर तपस्या कहा गई।
- इस भवन की बुनियाद खूब मजबूत डालना चाहते थे।
- अपने पास होने की खुशी आधी हो गई।
पाठ – 2 डायरी का पन्ना
- सुभाष बाबू के जुलूस का भार पूर्णोदास पर था।
- पुलिस कमिश्नर का नोटिस निकल चुका था।
- मारवाड़ी बालिका विद्यालय की लड़कियों ने अपने विद्यालय में झंडोत्सव मनाया।
- बहुत आदमी घायल हुए।
पाठ – 3 तताँरा वामीरो कथा
- तताँरा एक नेक और मददगार व्यक्ति था।
- तताँरा की तलवार एक विलक्षण रहस्य थी।
- दोनों के ह्रदय व्यथित थे।
- कुछ समय बाद पासा गाँव में पशु-पर्व का आयोजन हुआ।
पाठ – 4 तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेन्द्र
- शैलेंद्र ने राजकपूर की भावनाओं को शब्द दिए हैं।
- मुकेश की आवाज़ में शैलेन्द्र का यह गीत तो और अद्वितीय बन गया है।
- हमारी फिल्मों की सबसे बड़ी कमजोरी होती है लोकतत्व का अभाव।
- तीसरी कसम शैलेंद्र के जीवन की पहली और अंतिम फ़िल्म है।
पाठ – 6 अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले
- वहाँ एक काला च्योंटा रेंग रहा था।
- ग्वालियर में हमारा एक मकान था।
- उसमें कबूतर के एक जोड़े ने घोंसला बना लिया था।
- नेचर की सहनशक्ति की एक सीमा होती है।
पाठ – 7 पतझर में टूटी पत्तियाँ
- शुद्ध सोना अब अलग हैं और गिन्नी का सोना अलग।
- व्यवहारवादी लोग हमेशा सजग होते हैं।
- यहाँ के अस्सी फीसदी लोग मनोरुग्ण है।
- वह एक छह मंजिली इमारत थी।
पाठ – 8 कारतूस
- जंगल की जिंदगी बड़ी खतरनाक होती है।
- सआदत अली हमारा पुराना दोस्त है।
- वजीर अली की आजादी बहुत खतरनाक है।
- वो एक जाँबाज सिपाही है।
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