Padbandh -पदबंध की परिभाषा,पहचान तथा भेद
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padbandh
पदबंध
पदबंध
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दो या दो से अधिक शब्दों का एक समूह है जो मिलकर एक विशिष्ट पद (जैसे कि संज्ञा, विशेषण, क्रिया) का कार्य करता है,पदबंध कहलाता है । दूसरे शब्दों में जब वाक्य में दो या दो से अधिक पद मिलकर एक ही शाब्दिक इकाई (पद) का काम करते हैं, तो ऐसे पद समूह को पदबंध कहते हैं. जैसे– “लड़का जाता है” वाक्य में लड़का एक पद है। परंतु जब हम कहते हैं– “छोटा लड़का जाता है” तो यहाँ “छोटा लड़का” एक पदबंध का कार्य करता है। पदबंधों का अस्तित्व वाक्य में ही होता है।
सबसे तेज दौड़ने वाला छात्र जीत गया।
यह लड़की अत्यंत सुशील और परिश्रमी है।
नदी बहती चली जा रही है।
नदी कल–कल करती हुई बह रही थी।
पदबंध की पहचान कैसे करें?
जब किसी वाक्य में पदसमूह या पदबंध संज्ञा का भाव नियत क्रम और निश्चित अर्थ में प्रकट करें तब वे संज्ञा पदबंध कहलाते हैं। दूसरे शब्दों में – पदबंध का अंतिम अथवा शीर्ष शब्द यदि संज्ञा हो और अन्य सभी पद उसी पर आश्रित हो तो वह ‘संज्ञा पदबंध‘ कहलाता है।
पदबंध का दूसरा नाम क्या है?
पदबंध का दूसरा नाम उपवाक्य है।पदबंध एक से अधिक शब्दों का समूह है, जो मिलकर एक पद की इकाई के रूप में कार्य करता है । पदबंध पदों का समूह है, जो अनेक पदों का कार्य करता है ।
पदबंध की विशेषताएँ –
1.पदबंध कोई पूरा वाक्य नहीं होता, पदबंध केवल वाक्य का एक भाग होता है जो निश्चित अर्थ और क्रम के परिचायक होते हैं।
2.पदबंध एक नहीं बल्कि कई पदों के मेल से बनता है। आपको पदबंध के नाम से ही अंदाजा लग गया होगा कि पदबंध मतलब पदों का बंधन। और ये पदों का समूह व्याकरणिक इकाई की ओर भी संकेत करते हैं।
3.पदबंध में जुड़े हुए पदों का समूह व्याकरणिक इकाई का रूप ले लेते हैं और वही इनकी पहचान होती है।
4.प्रत्येक पदबंध में एक मुख्य पद होता है और अन्य पद उस मुख्य पद पर आश्रित होते हैं। उदाहरण के लिए – बगीचे में रंग–बिरंगे सुंदर फूल खिल रहे हैं। अब यहाँ पर जो फूल है वो मुख्य पद है और बाकि के पद जैसे रंग–बिरंगे और सुंदर आश्रित पद हैं।
5.पदबंध का निर्धारण मुख्य पद के आधार पर होता है।
यह बात भी ध्यान में रखनी चाहिए कि यदि पदबंध का आखरी पद संज्ञा है तो पूरा पद संज्ञा पदबंध कहलाएगा। इसी तरह यदि आखरी पद सर्वनाम है तो पूरा पद सर्वनाम पदबंध कहलाएगा। यदि आखरी पद क्रिया है तो पूरा पद क्रिया पदबंध कहलाएगा। और यदि आखरी पद विशेषण है तो पूरा पद विशेषण पदबंध कहलाएगा। उदाहरण के लिए– आजकल पेड़ों पर स्वादिष्ट फल लगे हुए हैं। यहाँ पर फल मुख्य पद है और पेड़ों पर स्वादिष्ट पद आश्रित पद है। लेकिन यह पूरा पद संज्ञा पदबंध है क्योंकि इस पदबंध का आखरी पद और मुख्य पद फल है जो की संज्ञा है।
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पदबंध के भेद –
1.संज्ञा–पदबंध
2.विशेषण–पदबंध
3.क्रिया पदबंध
4.क्रिया विशेषण पदबंध/अव्यय पदबंध
(1) संज्ञा पदबंध
जो पदबंध वाक्य में संज्ञा का कार्य करते हैं, उन्हें संज्ञा पदबंध कहते हैं, दूसरे शब्दों में – पदबंध का अंतिम अथवा शीर्ष शब्द यदि संज्ञा हो और अन्य सभी पद उसी पर आश्रित हो तो वह ‘संज्ञा पदबंध’ कहलाता है।जैसे–
रोहन के चार भाई-बहन विदेश में रहते हैं।
आसमान में उड़ते पंछी सभी को अच्छे लगते हैं।
सर्वनाम पदबंध-
सर्वनाम और अन्य शब्दों के साथ मिलकर जो शब्द समूह सर्वनाम का कार्य करे, वह सर्वनाम पदबंध कहलाता है।
अध्यापक ने रोशन से पूछा क्या वह गृहकार्य पूर्ण करके आया है?
2) विशेषण पदबंध –
जो पदबंध वाक्य में विशेषण का कार्य करते हैं, उन्हें विशेषण पदबंध कहते हैं, जैसे-
धीरे चलने वाली गाड़ियाँ प्रायः देर से पहुँचती हैं।
गर्मियों में कुँए के ठंडे पानी को पी कर अमृत की अनुभूति होती है।
क्रिया पदबंध:
जो पदबंध वाक्य में क्रिया का कार्य करते हैं, उन्हें क्रिया पदबंध कहते हैं,जैसे-
हमेशा सूर्य उदय से पहले जाग जाना चाहिए।
तेज़ हवा चलने के कारण पेड़ों से पतियाँ गिरने लगी।
क्रिया–विशेषण पदबंध:
जो पदबंध वाक्य में क्रिया–विशेषण का कार्य करते हैं, उन्हें क्रिया–विशेषण पदबंध कहते हैं,जैसे-
सीता, बिना किसी स्वार्थ के भगवान् राम के साथ वन चली गई।
अरुणिमा धीरे-धीरे चलते हुए वहाँ जा पहुँची।
अव्यय पदबंध किसे कहते हैं?
अव्यय पदबंध, जिसे क्रियाविशेषण पदबंध भी कहा जाता है, एक ऐसा पदबंध है जो वाक्य में क्रिया की विशेषता बताने वाले अव्यय का काम करता है। दूसरे शब्दों में, जब दो या दो से अधिक पद मिलकर अव्यय का कार्य करते हैं, तो उसे अव्यय पदबंध कहते हैं।
उदाहरण:
1.सुबह से शाम तक वह बैठा रहा। (यहाँ “सुबह से शाम तक” अव्यय पदबंध है जो “बैठा” क्रिया की विशेषता बता रहा है।)
2.वह बहुत जल्दी आया। (यहाँ “बहुत जल्दी” अव्यय पदबंध है जो “आया” क्रिया की विशेषता बता रहा है।)
अव्यय पदबंध की विशेषताएँ:
1.यह क्रिया विशेषण का काम करता है।
2.इसका अंतिम शब्द अव्यय होता है।
3.यह वाक्य में क्रिया की विशेषता बताता है।
4.यह क्रिया के समय, स्थान, रीति, आदि की विशेषता बताता है।
5.अव्यय पदबंध दो या दो से अधिक अवयवों (शब्दों) से मिलकर बनता है।
अव्यय पदबंधों के कुछ और उदाहरण:
- यहाँ, वहाँ, इधर, उधर
- कब, क्यों
- वाह, आह, ठीक
- अरे, और, तथा, एवं
- किन्तु, परन्तु, बल्कि
- इसलिए, अतः, अतएव
- चूँकि, अवश्य
- अर्थात् इत्यादि
अव्यय पदबंधों का उपयोग विभिन्न वाक्यों में क्रिया विशेषण के रूप में किया जाता है, जैसे:
1.वह बहुत जल्दी आया। (क्रिया विशेषण – बहुत जल्दी)
2.वह धीरे–धीरे चलता है। (क्रिया विशेषण – धीरे–धीरे)
3.वह यहाँ रहता है। (क्रिया विशेषण – यहाँ)
4.वह कल गया। (क्रिया विशेषण – कल)
5.वह इसलिए नहीं आया। (क्रिया विशेषण – इसलिए)
पद और पदबंध में क्या अंतर होता है?
पद और पदबंध में अंतर: पद एक शब्द होता है जो किसी वाक्य का हिस्सा होता है। पदबंध दो या दो से अधिक शब्दों का समूह होता है जो मिलकर एक अर्थपूर्ण इकाई बनाते हैं।1
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