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बाँसुरी (Flute) परिचय, अलंकार

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बाँसुरी

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बाँसुरी

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भारतीय बाँसुरी, जिसे आमतौर पर बाँसुरी के नाम से जाना जाता है, बाँस से बनी एक अनुप्रस्थ अल्टो बाँसुरी है। इसका एक समृद्ध इतिहास है और यह भारतीय पौराणिक कथाओं में गहराई से निहित है, विशेष रूप से हिंदू भगवान कृष्ण से जुड़ा हुआ है।

एक बाँसुरी पारंपरिक रूप से छह (हिंदुस्तानी) या सात (कर्नाटक) खुली उंगलियों के छेद वाले बाँस के एक टुकड़े से बनाई जाती है। यह एक बहुमुखी वाद्ययंत्र है जिसका उपयोग लोक और शास्त्रीय संगीत दोनों में किया जाता है, पंडित पन्नालाल घोष और पंडित हरिप्रसाद चौरसिया ने इसे हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में एक प्रमुख स्थान पर पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

बाँसुरी, एक बाँस की बाँसुरी, पारंपरिक रूप से हिंदू पौराणिक कथाओं में भगवान कृष्ण को इसका आविष्कारक कहा  जाता है, लेकिन इसके आविष्कार का श्रेय किसी एक व्यक्ति को नहीं दिया जा सकता । हालाँकि, पंडित पन्नालाल घोष (1911-1960) को इस वाद्ययंत्र को लोक संगीत से शास्त्रीय वाद्ययंत्र तक ले जाने, इसके डिजाइन और उपयोग में महत्वपूर्ण रूप से नवीनता लाने का श्रेय दिया जाता है।

पंडित पन्नालाल घोष, जिन्हें अमल ज्योति घोष के नाम से भी जाना जाता है, एक भारतीय बाँसुरी वादक और संगीतकार थे।वह अलाउद्दीन खान के शिष्य थे, और उन्हें हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में एक संगीत वाद्ययंत्र के रूप में बाँसुरी को लोकप्रिय बनाने औरभारतीय शास्त्रीय बाँसुरी के अग्रदूतका श्रेय दिया जाता है।बांसुरी के प्रसिद्ध उस्तादों में शामिल हैं पं. पन्नालाल घोष, पं. विजय राघव राव, पं. हरिप्रसाद चौरसिया, पं. रघुनाथ सेठ परवीन गोडखिंडे

बाँसुरी को कई नामों से भी जाना जाता है, जैसे कि बंसी, मुरली और वेणु।

बाँसुरी (Bansuri) – यह एक पारंपरिक भारतीय सुषिर वाद्य यंत्र है, जो बाँस से बनाया जाता है।
बंसी (Bansi)- यह बाँसुरी का एक और नाम है।
मुरली (Murali)- यह भी बाँसुरी का एक और नाम है, खासकर भगवान कृष्ण की बाँसुरी के संदर्भ में।
वेणु (Venu)- यह भी संस्कृत भाषा में बाँसुरी के लिए एक शब्द है, जिसका अर्थ भी “बाँहोता है। 

                  बाँसुरी  एक ऐसा वाद्य यंत्र है, यदि इसे हम बजाना सीखना चाहते हैं तो हमें इसके साथ हमें हमेशा जुड़े रहना चाहिए। हमें हर रोज इसका रियाज़  (अभ्यास) करना चाहिए। जितना हम अभ्यास करेंगे उतनी ही तेज़ी से इस कला को  सीख पाएँगे। अगर हम एक दिन भी अभ्यास छोड़ देते हैं तो इसका असर अगले दिन दिखेगा और हम खुद भी फ़र्क महसूस करेंगे इसलिए हमेशा इस वाद्य यंत्र के संपर्क में रहें। ऐसा मत सोचिए कि अगर आप 5 दिन बजाते हैं तो आप 2 दिन छोड़ देंगे और फिर से अभ्यास शुरू कर देंगे। इससे आपको कोई फायदा नहीं होगा। वाद्य यंत्र सीखने में आपका समय बढ़ जाएगा। 

                    शुरुआती दिनों में अगर लंबे समय तक अभ्यास करते हैं तो  चक्कर भी आ सकते हैं। लेकिन यह ठीक है। आराम करें और जब चक्कर आना बंद हो जाए तो फिर से शुरू करें। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हमारा  शरीर इसका आदी नहीं है और हमारे पास सहनशक्ति नहीं है। लेकिन समय के साथ चिंता न करें, अभ्यास के साथ सहनशक्ति धीरेधीरे बढ़ेगी। 

                    केवल सा/सा बजाने की कोशिश करनी चाहिए और देखना चाहिए कि आप इसे कितने सेकंड तक बजा सकते हैं। कम से कम 30 सेकंड की आवश्यकता है। अवरोह के अंत की ओर बजाते समय  पाएँगे कि साँस फूल रही है और इस तरह अंतिम भाग ठीक से नहीं बजेगा, इसलिए ऐसे समय में बाँसुरी को बाहर की ओर घुमाएँ।

                   अलंकार, उंगलियों को सही तरीके से सेट करने और  उंगलियों की तेज़ गति के लिए हमारी मदद करते हैं।  उंगलियों को बाँसुरी पर सरकना चाहिए। उंगलियों के अभ्यास के लिए नीचे कुछ अलंकार दिए गए हैं। अगले अलंकार पर जाने से पहले हर अलंकार का 100 बार अभ्यास करना चाहिए । अपनी उंगलियों को हिलाने और वाद्य यंत्र पर सेट होने के लिए कम से कम 100 बार उचित दोहराने की आवश्यकता होती है। 

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बाँसुरी बजाते समय कृपया अपने मन में सुर भी बोलने चाहिए।  लंबे समय में यह आपके लिए बहुत मददगार साबित होगा।

अलंकार –

1.आरोह – सा रे ग म प ध नि सां  

   अवरोह – सां नि ध प म ग रे सा  

इस अलंकार का पहले 100 बार अभ्यास किया जाना चाहिए और किसी भी सत्र को शुरू करने से पहले इसे वार्मअप के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। 

2.आरोह – सासा रेरे गग मम पप धध निनि सांसां । 

    अवरोह – सांसां निनि धध पप मम गग रेरे सासा।

3.आरोह – सारेग, रेगम, गमप, मपध, पधनि, धनिसां

   अवरोह – सांनिध, निधप, धपम, पमग, मगरे, गरेसा

4. आरोह – सारेगम, रेगमप, गमपधन, मपधनि, पधनिसां।                 

    अवरोह – सांनिधप, निधपम, धपमगर पमगरे, मगरेसा ।

5. आरोह – सारेगरे, रेगमग, गमपम, मपधप, पधनिध, धनिसांनि, निसांरेसां

    अवरोह – सांनिधनि, निधपध, धपमप, पमगम, मगरेग, गरेसारे

6. आरोह –सारेसा गरेसा मगरेसा पमगरेसा निधपमगरेसा सांनिधपमगरेसा

  अवरोह – सांनिसां धनिसां  पधनिसां मपधनिसां गमपधनिसां रेगमपधनिसां सारेगमपधनिसां    

7. आरोह – रे सा ग रे सा म ग रे सा, ग रे प म ग रे, म ग प म ध प म ग, प म ध प नि ध प म

                ध प नि ध  सां नि ध प, नि ध  सां रे सां नि ध, सां नि रें सां नि ध, सां नि रें सां गं रें सां नि 

                रें सां गं रें मं गं रें सां

    अवरोह – नि सां ध नि प ध नि सां, ध नि प ध म प ध नि, प ध म प ग म प ध, म प ग म रे ग म प 

                  ग म रे ग सा रे ग म, रे ग सा रे नि सा रे सा, सा रे नि सा रे सा, सा रे नि सा ध नि सा रे ,

                  नि सा ध नि प ध नि सा 

8. आरोह – सारेगमप, रेगमपध, गमपधनि, मपधनिसां

   अवरोह – सांनिधपम, निधपमग, धपमगरे पमगरेसा

9. आरोह – सा सा रे सा , सा रे सा रे, सा सा रे रे ग ग म म , रे रे ग रे रे ग रे ग , रे रे ग ग म म प प 

     ग ग म ग  ग म ग म ग ग म म प प ध ध नि नि, म म प म म प म प म म प प ध ध नि नि 

     प प  ध प प ध प ध प प ध ध नि नि सां सां 

    अवरोह – सां सां नि सां सां नि सां नि, सां सां नि नि ध ध प प, नि नि ध नि नि ध नि ध, नि नि ध ध प प म म 

     ध ध प ध  ध प ध प, ध ध प प म म ग ग, प प म प प म प म,प  म म   रे रे, म म ग म म ग म ग 

     म म ग म रे रे  सा सा 

10. आरोह – सारे सारेगर, रेग रेगम, गम गमप, मप मपध,  पध पधनि, धनि धनिसां 

     अवरोह – सांनि सांनिध, निध निधप , धप धपम,पम पमग, मग मगरे, गरे गरेसा 

11. आरोह – सारेग, सारेगम, रेगम रेगमप, गमप गमपध, मपध मपधनि, धनिसां।

     अवरोह – सांनिध, निधप, धपम, पमग, मगरे, गरेसा।

12. आरोह – साग रेम गप मध पनि धसां

      अवरोह – सांध निप धम पग मरे गसा

13. आरोह – साग रेम गप मध पनि धसां

      अवरोह – सांप निम धग पग  मरे गसा

14. आरोह – सारे सारेगम, रेग रेगमप, गम गमपध, मप मपधनि, पध पधनिसां।

     अवरोह – सांनि सानिधप, निध निधपम,धप धपमग,पम पमगरे,मग मगरेसा।

15. आरोह – सारे सारेगमप, रेग रेगमपध, गम गमपधनि, मप मपधनिसां

     अवरोह – सांनि सांनिधपम, निध निधपमग, धप धपमगरे, पम पमगरेसा

16. आरोह – सासा सारेग, रेरे रेगम, गग गमप, मम मपध, पप पधनि, धध धनिसां

     अवरोह – सांसां सांनिध, निनि निधप, धध धपम, पप पमग, मम मगरे, गग गरेसा

17. आरोह – सासा सारेगम , रेरे रेगमप , गग गमपध, मम मपधनि, पप पधनि, धध धनिसां

     अवरोह – सांसां सांनिधप, निनि निधपम, धध धपमग, पप पमगरे, मम मगरेसा

18. आरोह – सासा सारेगमप, रेरे रेगमपध, गग गमपधनि, मम मपधनिसां 

     अवरोह – सांसां सांनिधपम, निनि निधपमग, धध धपमगरे, पप पमगरेसा   

19. आरोह – सारेग सारेगम, रेगम रेगमप, गमप गमपध, मपध मपधनि, पधनि पधनिसां   

      अवरोह –  सांनिध सांनिधप, निधप निधपम, धपम धपमग, पमग पमगरे, मगरे  मगरेसा

20. आरोह – गरे सारेग, मग रेमग, पम गपम,धप मधप,निध  पनिध, सांनि धसांनि, रेसां निरेसां 

      अवरोह – धनि  सांधनि, पध निप, मप  धम, गम पग, रेग मरे, सारे गसारे, निसा रेनिसा 

21. आरोह – सारेग रेग, रेगम गम, गमप मप, मपध पध, पधनि धनि, धनिसां निसां

      अवरोह – सांनि सांध, निधप धप, धपम पम, पमग मग, गरेसा रेसा

22. आरोह – सारेसाग, रेगरेम, गमगप, मपमध, पधपनि, धनिधसां  

      अवरोह – सांनि सांध , निध निप, धप धम, पम पग, मग गरे, गरे गसा

23. आरोह – साग सारेग, रेग रेगम, गम गमप, मपध, पधनि, धनिसां 

      अवरोह – सांध सांनिध, निप निधप, धम धपम,पग पमग,मरे मगरे, गसा गरेसा

24. आरोह – सारेग साग, रेगम रेम,गमप गप,मपध मध,पधनि पनि,धनिसां धसां

      अवरोह – सांनि धसांध, निधप निप, धपम धम,पमग पग, गरे सागसा

25. आरोह – सामगरे, रेपमग, गधपम, मनिधप, पसांनिध, धरेसांनि, निगंरेंसां 

      अवरोह – सांपधनि, निमपध, धगमप, सारेगम, मसारेग, गनिसारे, रेधनिसा

26. आरोह – सारेगम, गमगरे , रेगमप, मपमग, गमपध, मपधनि, धनिधप, पधनिसां, निसांनिध, सारेगम, पधनिसां ,

                    सां नि ध प म ग रे सा    

     अवरोह – सांनिधपधपधनि , निधपम, पमधप, धपमग, मगमप, पमगरेगरेगम , मगरेसासारेसारेग

                  सांनिधप, मगरेसा, सारेगम , प ध नि सां                        

 

 

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