Mukteshwer Treval Guide – मुक्तेश्वर यात्रा
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Mukteshwer
मुक्तेश्वर यात्रा
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मुक्तेश्वर, उत्तराखंड के नैनीताल जिले में एक सुंदर हिल स्टेशन है, जो समुद्र तल से 2,286 मीटर (7,500 फीट) की ऊँचाई पर स्थित है. यह जगह फल के बगीचों और देवदार के जंगलों से घिरी हुई है और यहाँ से हिमालय की चोटियाँ दिखाई देती हैं। मुक्तेश्वर में भगवान शिव का एक मंदिर भी है, जो पहाड़ी की चोटी पर स्थित है और यहाँ से चारों ओर का नज़ारा दिखाई देता है।
मुक्तेश्वर को 1893 में अंग्रेजों ने अनुसंधान और शिक्षा संस्थान के रूप में विकसित किया था, जो अब भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) के नाम से जाना जाता है। मुक्तेश्वर पंतनगर एयरपोर्ट से 110 किलोमीटर और काठगोदाम रेलवे स्टेशन से 74 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।यह भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है, जो पहाड़ी की चोटी पर स्थित है ।मुक्तेश्वर से हिमालय की कई चोटियाँ दिखाई देती हैं, जैसे कि नंदा देवी, नंदा कोट, त्रिशूल और पंचचूली।मुक्तेश्वर फल के बगीचों और देवदार के जंगलों से घिरा हुआ है, जो इसे एक शांत और सुंदर जगह बनाते हैं।
मुक्तेश्वर जाने का सबसे अच्छा समय क्या है?
मुक्तेश्वर में धूमने का सही समय मार्च से लेकर जून तक और अक्टूबर से लेकर दिसंबर तक हैं। मुक्तेश्वर में आप अपना नया साल मनाइए । दिवाली , दशहरे के आसपास और गर्मियों की छुट्टियों के वक्त मुक्तेश्वर का मौसम बहुत सुहाना रहता हैं । मुक्तेश्वर में आप कभी भी आइए , वह हमेशा ही आपको कुछ न कुछ अलग जरूर दिखेगा। दिन गर्म होते हैं, जबकि शामें सुहावनी होती हैं।
मुक्तेश्वर कैसे पहुंचे?
सड़क मार्ग से:दिल्ली से मुक्तेश्वर पहुँचने के लिए आप या तो टैक्सी किराए पर ले सकते हैं या बस से यात्रा कर सकते हैं।
रेल मार्ग द्वारा:दिल्ली से मुक्तेश्वर पहुंचने के लिए ट्रेनें भी उपलब्ध हैं; आप ट्रेन से काठगोदाम जा सकते हैं, जो 72 किमी दूर है और वहाँ से आप मुक्तेश्वर पहुंचने के लिए बस या टैक्सी में सवार हो सकते हैं।
हवाईजहाज से : मुक्तेश्वर के लिए पास का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा दिल्ली है, जो सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
मुक्तेश्वर कितने दिन के लिए आए – मुक्तेश्वर में आप 3 दिन से लेकर एक सप्ताह तक आराम से बिता सकते हैं।अत्यधिक ऊंचाई में होने के कारण मुक्तेश्वर का तापमान बदलता रहता हैं। यहां पर साल भर गर्म कपड़ों की जरूरत पड़ती है क्योंकि यहां मौसम हर वक्त अपने नए – नए रंग दिखाता है। अगर आप मुक्तेश्वर घूमने का प्लान बना रहे हैं तो अपने साथ जाड़ों में ऊनी एवं गर्म कपड़े तथा गर्मियों में भी हल्के गर्म कपड़े अवश्य लेकर आएं। भले ही मई–जून में ही क्यों ना आए । अगर आप यहाँ एक – दो दिन रुकना चाहते हैं तो आने से पहले कोई कर लीजिए। फोटोग्राफी के लिए एक अच्छा सा कैमरा अपने साथ अवश्य रखें। ट्रैकिंग के शौक़ीन अपने साथ एक अच्छी क्वालिटी का जूता या स्पोर्ट शू अवश्य रखें।
मुक्तेश्वर में करने योग्य गतिविधियाँ –
ट्रेकिंग- मुक्तेश्वर ट्रेकिंग के लिए सबसे अच्छी जगह है, यहाँ ट्रेकिंग के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं। आप बिनसर से आरतोला, आरतोला से पेओरा और पेओरा से मुक्तेश्वर तक ट्रेक कर सकते हैं।
एडवेंचर स्पोर्ट्स: यह जगह रैपलिंग रॉक क्लाइम्बिंग जैसी एडवेंचर एक्टिविटी के लिए मशहूर है। चौली की जाली रॉक क्लाइम्बिंग के लिए मशहूर जगह है।
कैम्पिंग: अपने परिवार और दोस्तों के साथ क्वालिटी टाइम बिताने के लिए कैम्पिंग एक अच्छा विकल्प है। मुक्तेश्वर शहर घने देवदार के पेड़ों से घिरा हुआ है और प्रकृति की खूबसूरती का आनंद लेने के लिए कैम्पिंग के लिए सबसे अच्छी जगह है।
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शीतला
शीतला मुक्तेश्वर एक शानदार हिल स्टेशन है, जो पर्यटकों के बीच अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर है। ये जगह भी पहाड़ियों से घिरा हुआ है, जिससे इसकी खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं। ट्रैकिंग और बर्ड वॉचिंग के लिए ये परफेक्ट जगह है। मुक्तेश्वर के पास एक आकर्षक हिल स्टेशन है सीतला, जो अपनी खूबसूरती से प्राकृतिक और ऐतिहासिक जगहों का मिश्रण है। यह क्षेत्र कई औपनिवेशिक शैली के बंगलों से सुसज्जित है, जिसके आसपास आपको हिमालय की शानदार चोटियां दिख जाएंगी। इस विचित्र पहाड़ी शहर की मनमोहक सुंदरता को निहारते हुए आप यहां ट्रैकिंग और बर्ड वाचिंग का भी मजा ले सकते हैं।
मुक्तेश्वर मंदिर
यहां आएं, तो मुक्तेश्व मंदिर में मथ्था टेकना न भूलें। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर बहुत खास है। ऐसा माना जाता है कि इसका निर्माण पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान किया था। यहां आप ट्रैकिंग करके पहुंच सकते हैं, वैसे दूसरा ऑप्शन सीढियां भी हैं। अगर आपको धार्मिक यात्रा करना बेहद पसंद है, तो आपको शानदार मुक्तेश्वेर मंदिर को जरूर देखना चाहिए। आपको बता दें, ये मुक्तेश्वर के आकर्षक पर्यटन स्थलों में से एक है, ऐसा माना जाता है कि इसे पांडवों ने अपने निर्वासन जीवन के दौरान बनाया था। मंदिर तक पहुंचने के लिए, आप प्राकृतिक नजारों से गुजरेंगे, जिन्हें देखते ही आपका दिल खुश हो जाएगा। हालांकि, अगर आप ट्रैकिंग के लिए तैयार नहीं हैं, तो आप यहां सीढ़ियों से भी जाने का विकल्प चुन सकते हैं।
चौली की जाली –
मुक्तेश्वर मंदिर के पीछे प्रमुख आकर्षण है, चौली की जाली। आप चाहे प्रकृति प्रेमी हों या एडवेंचर के शौकीन, आपको इस जगह से यकीनन प्यार हो जाएगा। अब आप सोच रहे होंगे कि इस जगह के बारे में इतना प्यारा आखिर क्या है, तो हम आपको बता दें, चौली की जाली, रॉक क्लाइम्बिंग और रैपलिंग का अनुभव करने के लिए मुक्तेश्वर के लोकप्रिय स्थानों में से एक है, जहां से आपको हिमालय श्रृंखला दिखाई देगी। ऐसा भी कहा जाता है कि यहां एक देवी और एक राक्षस के बीच युद्ध लड़ा गया था, इस वजह से भी ये जगह धार्मिक मूल्यों से जुड़ी हुई है।
भालू गढ़ वॉटरफॉल
मुक्तेश्व का भालू गढ़ वॉटरफॉल भी कुछ देर सुकून से बिताने के लिेए परफेक्ट है। यहां तक पहुंचने के लिए भी ट्रैकिंग करनी पड़ती है, जिस वजह से कम ही लोग यहां तक पहुंच पाते हैं। अगर आप आराम से बैठकर किसी प्राकृतिक जगह को देखना चाहते हैं, तो यहां का भालू गढ़ वाटरफॉल जरूर देखें। ये छिपा हुआ रत्न पर्यटकों की भीड़ से काफी दूर है, लेकिन खूबसूरती के लोग कायल हैं। जो लोग ट्रैकिंग और प्राचीन नजारा देखना पसंद करते हैं, भालू गढ़ झरना मुक्तेश्वर के पास घूमने के लिए परफेक्ट है।
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