NCERT, Malhar,Pathit Gadyansh, Teen Buddhiman,Class 7, Hindi, पठित गद्यांश
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तीन बुद्धिमान
पठित गद्यांश
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1. एक समय की बात है कि एक निर्धन व्यक्ति के तीन बेटे थे। वह प्राय: अपने बेटों से कहता- “मेरे बेटो ! हमारे पास न तो रुपया-पैसा है और न ही सोना-चाँदी। इसलिए तुम्हें एक दूसरे प्रकार का धन संचित करना चाहिए— हर वस्तु और स्थिति को पूर्णत: समझने और जानने का प्रयास करो। कुछ भी तुम्हारी दृष्टि से न बच पाए। रुपये-पैसे के स्थान पर तुम्हारे पास पैनी दृष्टि होगी और सोने-चाँदी के स्थान पर तीव्र बुद्धि होगी। ऐसा धन संचित कर लेने पर तुम्हें कभी किसी प्रकार की कमी न रहेगी और तुम दूसरों की तुलना में उन्नीस नहीं रहोगे।”
समय बीता और कुछ समय पश्चात् पिता चल बसे। बेटे मिलकर बैठे, उन्होंने सारी स्थिति पर विचार किया और फिर बोले— “हमारे लिए यहाँ कुछ भी तो करने को नहीं। आओ, घूम फिरकर जगत देखें । आवश्यकता होने पर हम चरवाहों या खेत में श्रमिकों का काम कर लेंगे। हम कहीं भी क्यों न हों, भूखे नहीं मरेंगे।”
अंततः वे तैयार होकर यात्रा पर चल दिए।
1.निर्धन पिता ने अपने बेटों को कौन-सा धन संचित करने की सलाह दी?
(क) रुपया-पैसा
(ख) सोना-चाँदी
(ग) पैनी दृष्टि और तीव्र बुद्धि
(घ) भूमि और संपत्ति
2.पिता के अनुसार कौन-सी चीज़ मनुष्य को दूसरों से उन्नत बनाती है?
(क) अच्छे कपड़े
(ख) बौद्धिक संपत्ति
(ग) शारीरिक बल
(घ) सामाजिक संबंध
3.पिता की मृत्यु के बाद बेटों ने क्या निर्णय लिया?
(क) यात्रा पर जाने का
(ख) खेत जोतने का
(ग) नगर में दुकान खोलने का
(घ) नौकरी ढूँढ़ने का
You May Like – तीन बुद्धिमान प्रश्नोत्तर
4.पिता द्वारा बताई गई दृष्टि और बुद्धि को ‘धन’ क्यों कहा गया है?
उत्तर– पिता ने दृष्टि और बुद्धि को ‘धन’ इसलिए कहा क्योंकि वे अमूल्य गुण हैं जो जीवन में हमेशा काम आते हैं। भौतिक धन जैसे रुपया-पैसा और सोना-चाँदी खो सकते हैं या खत्म हो सकते हैं, परन्तु ज्ञान और समझ कभी नष्ट नहीं होते। यदि व्यक्ति में सूझ-बूझ और समझदारी है, तो वह कठिन से कठिन परिस्थिति में भी समाधान निकाल सकता है। इसीलिए उन्हें वास्तविक संपत्ति या धन कहा गया है।
5.निर्धन पिता द्वारा दी गयी शिक्षा का उद्देश्य क्या था?
उत्तर– निर्धन पिता द्वारा दी गयी शिक्षा का उद्देश्य था कि बेटे हर वस्तु और परिस्थिति को पूरी तरह समझ सकें और अपने विवेक से जीवन में आगे बढ़ें। यही शिक्षा उनके लिए असली पूँजी बन सकती थी।
2.राजा ने उसी समय अपने मंत्री को बुलाया और उसके कान में कुछ फुसफुसाया। मंत्री तुरंत महल के बाहर चला गया। लेकिन शीघ्र ही वह दो सेवकों के साथ लौटा जो एक बहुत बड़ी-सी पेटी लाए थे। दोनों ने पेटी को बहुत सावधानी से द्वार के पास ऐसे रख दिया कि वह राजा को दिखाई दे सके और स्वयं एक ओर हट गए। तीनों भाई दूर से खड़े उन्हें देखते रहे। उन्होंने इस बात ध्यान से देखा कि पेटी कहाँ से और कैसे लाई गई थी और किस ढंग से रखी गई थी।
“हाँ, तो चोरों, हमें बताओ कि उस पेटी में क्या है?” राजा ने कहा ।
“महाराज, हम तो पहले ही यह विनती कर चुके हैं कि हम चोर नहीं हैं”, सबसे बड़े भाई ने कहा। “पर यदि आप चाहते हैं तो मैं आपको यह बता सकता हूँ कि उस पेटी में क्या है। उसमें कोई छोटी-सी गोल वस्तु है।”
“उसमें अनार है”, मझला भाई बोला ।
“हाँ, और वह अभी कच्चा है”, सबसे छोटे भाई ने कहा ।
यह सुनकर राजा ने पेटी को पास लाने का आदेश दिया। सेवकों ने तुरंत आदेश पूरा किया। राजा ने सेवकों से पेटी खोलने के लिए कहा। पेटी खुल जाने पर उसने उसमें झाँका। जब उसे उसमें कच्चा अनार दिखाई दिया तो उसके आश्चर्य की कोई सीमा न रही।
आश्चर्यचकित राजा ने अनार निकालकर वहाँ उपस्थित सभी लोगों को दिखाया। तब उसने ऊँट के मालिक से कहा-
“इन लोगों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ये चोर नहीं हैं। वास्तव में ये बहुत ही बुद्धिमान लोग हैं। तुम इनके बताए रास्ते पर जाकर अपने ऊँट को खोजो।”
1.राजा ने सबसे पहले क्या किया?
(क) तीनों भाइयों को दंड दिया
(ख) स्वयं पेटी लेकर आया
(ग) मंत्री को बुलाया और कान में कुछ कहा
(घ) अनार मँगवाया
2.तीनों भाइयों ने पेटी को देखकर उसमें क्या होने की बात कही?
(क) पत्थर
(ख) कच्चा अनार
(ग) सोने की मूर्ति
(घ) कपड़े
3.राजा ने अंत में ऊँट के मालिक से क्या कहा?
(क) भाइयों को दंड दो
(ख) अनार खाओ
(ग) इनसे सावधान रहो
(घ) इनकी बताई राह पर जाकर ऊँट खोजो
4.तीनों भाइयों ने पेटी के विषय में क्या कहा?
उत्तर– जब राजा ने पूछा कि पेटी में क्या है, तो सबसे बड़े भाई ने कहा कि उसमें कोई छोटी-सी गोल वस्तु है। मझले भाई ने कहा कि वह अनार है, और सबसे छोटे भाई ने बताया कि वह अनार अभी कच्चा है।
5.राजा का भाइयों की बुद्धिमत्ता पर क्या प्रतिक्रिया थी?
उत्तर– जब राजा ने पेटी में कच्चा अनार देखा, तो उसे तीनों भाइयों की बुद्धिमत्ता पर बड़ा आश्चर्य हुआ। उसने अनार सभी लोगों को दिखाया और ऊँट के मालिक से कहा कि ये लोग चोर नहीं हैं, बल्कि बहुत ही बुद्धिमान हैं।
3.राजा के महल में उस समय उपस्थित सभी लोगों के आश्चर्य का कोई ठिकाना न था। किंतु सबसे बढ़कर तो स्वयं राजा चकित था। उसने सभी तरह के अच्छे और स्वादिष्ट भोजन मँगवाए और लगा इन भाइयों की आवभगत करने ।
“तुम लोग बिलकुल निर्दोष हो और जहाँ भी जाना चाहो जा सकते हो। किंतु जाने से पहले तुम मुझे सारी बात विस्तार के साथ बताओ। तुम्हें यह कैसे पता चला कि उस व्यक्ति का ऊँट खो गया है और तुमने यह कैसे जाना कि ऊँट कैसा था?”
सबसे बड़े भाई ने कहा-
“धूल पर उसके पैरों के चिह्नों से मुझे पता चला कि कोई बहुत बड़ा ऊँट वहाँ से गया है। जब मैंने अपने पास से जानेवाले घुड़सवार को अपने चारों ओर नजर दौड़ाते देखा तो उसी समय मेरी समझ में यह बात आ गई कि वह क्या खोज रहा है। “
“बहुत अच्छा!” राजा ने कहा। “अच्छा, अब यह बताओ कि तुम में से किसने इस घुड़सवार को यह बताया था कि उसका ऊँट एक ही आँख से देख पाता है? उसका तो सड़क पर चिह्न नहीं रहा होगा।”
“मैंने इस बात का अनुमान ऐसे लगाया कि सड़क के दायीं ओर की घास तो ऊँट ने चरी थी, मगर बायीं ओर की घास ज्यों की त्यों थी”, मझले भाई ने उत्तर दिया।
“बहुत उत्तम !” राजा ने कहा, “तुम में से यह अनुमान किसने लगाया था कि उस पर बच्चे के साथ एक महिला सवार थी?”
“मैंने”, सबसे छोटे भाई ने उत्तर दिया, “मैंने देखा कि एक स्थान पर ऊँट के घुटने टेककर बैठने के चिह्न बने हुए थे। उनके पास ही रेत पर एक महिला के जूतों के चिह्न दिखाई दिए। साथ ही छोटे-छोटे पैरों के चिह्न थे, जिससे मुझे पता चला कि महिला के साथ एक बच्चा भी था।”
1.राजा ने भाइयों से क्या जानना चाहा?
(क) वे कहाँ से आए
(ख) ऊँट का पता उन्हें कैसे चला
(ग) वे चोर क्यों बने
(घ) उन्होंने खाना खाया या नहीं
2.मझले भाई ने कैसे अनुमान लगाया कि ऊँट एक ही आँख से देख सकता है?
(क) ऊँट लंगड़ा रहा था
(ख) ऊँट की एक आँख ढकी हुई थी
(ग) घास एक तरफ से ही खाई गई थी
(घ) ऊँट रो रहा था
3.निम्न में से ‘आँख’ का पर्यायवाची शब्द है-
(क) नेत्र
(ख) अश्व
(ग) पीयूष
(घ) तम
4.सबसे छोटे भाई को यह कैसे पता चला कि ऊँट पर एक महिला और बच्चा सवार थे?
उत्तर-सबसे छोटे भाई ने ध्यान से देखा कि जहाँ ऊँट घुटने टेककर बैठा था, वहाँ रेत पर एक महिला के जूतों के निशान थे। उन्हीं निशानों के पास छोटे-छोटे पैरों के चिह्न भी थे। इससे उसने अनुमान लगाया कि उस ऊँट पर एक महिला और एक बच्चा सवार थे।
5.सबसे बड़े भाई को कैसे पता चला कि कोई ऊँट खो गया है?
उत्तर:सबसे बड़े भाई ने धूल पर ऊँट के पैरों के चिह्न देखे और समझ गया कि कोई बहुत बड़ा ऊँट वहाँ से गुजरा है। फिर जब उसने पास से एक घुड़सवार को अपने चारों ओर नजर दौड़ाते हुए देखा, तो उसे यह अनुमान हुआ कि वह ऊँट को ही खोज रहा है।
4 “बहुत अच्छा! तुमने बिलकुल सही कहा है”, राजा बोला — “लेकिन तुम लोगों को यह कैसे पता चला कि पेटी में एक कच्चा अनार है? यह बात तो मेरी समझ में बिलकुल नहीं आ रही।”
सबसे बड़े भाई ने कहा—
“जिस तरह दोनों व्यक्ति उसे उठाकर लाए थे, उससे बिलकुल स्पष्ट था कि वह थोड़ी भी भारी नहीं है। जब वे पेटी को रख रहे थे तो मुझे उसके अंदर किसी छोटी-सी गोल वस्तु के लुढ़कने की ध्वनि सुनाई दी।”
मझला भाई बोला-
“मैंने ऐसा अनुमान लगाया कि चूँकि पेटी उद्यान की ओर से लाई गई है और उसमें कोई छोटी-सी गोल वस्तु है तो वह अवश्य अनार ही होगा। कारण कि आपके महल के आसपास अनार के बहुत-से पेड़ लगे हुए हैं।”
“बहुत अच्छा!” राजा ने कहा और उसने सबसे छोटे भाई से पूछा—
“लेकिन तुम्हें यह कैसे पता चला कि अनार कच्चा है?”
“इस समय तक उद्यान में सभी अनार कच्चे हैं। यह तो आप स्वयं ही देख सकते हैं”, उसने उत्तर दिया और खुली हुई खिड़की की ओर संकेत किया।
राजा ने बाहर देखा तो पाया कि उद्यान में लगे अनार के सभी वृक्षों पर कच्चे अनार लटक रहे थे।
राजा इन भाइयों की असाधारण पैनी दृष्टि और तीक्ष्ण बुद्धि से चकित रह गया।
“धन-संपत्ति या सांसारिक वस्तुओं की दृष्टि से तो तुम धनवान नहीं हो लेकिन तुम्हारे पास बुद्धि का बहुत बड़ा कोष है”, उसने प्रशंसा करते हुए कहा और उन्हें अपने दरबार में रख लिया।
1.सबसे बड़े भाई को कैसे पता चला कि पेटी में कोई हल्की गोल वस्तु है?
(क) उसने पेटी खोलकर देखी
(ख) उसने सुना कि अंदर कुछ लुढ़क रहा है
(ग) राजा ने बताया
(घ) सेवकों ने बताया
2.मझले भाई ने अनार का अनुमान किस आधार पर लगाया?
(क) उसने अनार खाया था
(ख) वह बाग में गया था
(ग) पेटी उद्यान की ओर से लाई गई थी और वह हल्की थी
(घ) उसे राजा ने बताया
3.सबसे छोटे भाई ने कैसे जाना कि अनार कच्चा है?
(क) उसने अनार तोड़ा था
(ख) उसने राजा से पूछा
(ग) उसने अनुमान लगाया
(घ) उसने खिड़की से देखा कि सभी अनार कच्चे हैं
4.राजा भाइयों की कौन-सी विशेषता से चकित रह गया?
उत्तर-राजा इन तीनों भाइयों की असाधारण पैनी दृष्टि और तीव्र बुद्धि से चकित रह गया।
5.राजा ने भाइयों के साथ अंत में क्या किया?
उत्तर-राजा ने भाइयों की तीव्र बुद्धि और विवेकशीलता से प्रभावित होकर उन्हें अपने दरबार में रख लिया।
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