Madhu kalash.

कुछ सीखें / खुद को खर्च करें / ताकि दुनिया आपको सर्च करे ।

Fool aur kanta, Vyakhya,Class 6, Malhar,NCERT, फूल और काँटा

1 min read

 

You May Like – तीन बुद्धिमान प्रश्नोत्तर 

हैं जनम लेते जगत में एक ही
एक ही पौधा उन्हें है पालता।
रात में उन पर चमकता चांद भी
एक हीसी चाँदनी है डालता।

शब्दार्थ
जगत – संसार

पालता – पालना, पालन-पोषण करना
एक हीसी – एक समान
चांदनी – चाँद की रौशनी

व्याख्या  कवि फूल और काँटे का उदाहरण देते हुए कहता है कि फूल और काँटे एक ही संसार में जन्म लेते हैं अर्थात एक ही जगह पैदा होते हैं। एक ही पौधा उन्हें पालता है अर्थात एक ही पौधे पर दोनों का पालन-पोषण होता है। रात होने पर भी चाँद एक सामान उन पर चमकता है अर्थात चाँद को रौशनी भी दोनों पर एक समान बराबर मात्रा में पड़ती है। कहने का आशय यह है कि एक समान परिवेश व् वातावरण मिलने पर भी फूल और कांटें का स्वभाव अलग-अलग होता है।

 

 

मेह उन पर है बरसता एकसा
एकसी उन पर हवाएँ हैं वहीं।
पर सदा ही यह दिखाता है समय
ढंग उनके एकसे होते नहीं।

शब्दार्थ
मेह – वर्षा

वहीं – बहना
सदा – हमेशा
ढंग – स्वभाव अथवा व्यवहार

व्याख्या – कवि फूल और काँटे का उदाहरण देते हुए कहता है कि बरसात का पानी भी फूल और काँटों पर एक समान बराबर बरसता है और हवाएँ भी बिना किसी भेदभाव के एक समान दोनों पर असर करती हैं। परन्तु सब कुछ एक समान मिलने पर भी समय दिखाता है कि दोनों के स्वभाव और व्यवहार में बहुत फर्क होता है। कहने का आशय यह है कि एक समान पालन-पोषण होने पर भी दोनों का स्वभाव और व्यवहार अलग-अलग होता है।

 

May You Like-NCERT, Malhar,Pathit Gadyansh, Teen Buddhiman,Class 7, Hindi, पठित गद्यांश

छेद कर कांटा किसी की उंगलियाँ 
फाड़ देता है किसी का वर वसन।
और प्यारी तितलियों का पर कतर
भौंर का है वेध देता श्याम तन।

शब्दार्थ
वर – श्रेष्ठ, सुंदर

वसन – वस्त्र, कपडे
पर – पँख
कतर – कतरना, कांटना
भौंर – भँवरा
वेध  घायल
श्याम – काला
तन – शरीर

व्याख्या – कवि काँटे के हानिकारक स्वभाव का वर्णन करता हुआ कहता है कि काँटा किसी की भी ऊँगली में चुभ जाता है। किसी के भी सुन्दर व् अच्छे कपड़ों में फँस कर उन्हें फाड़ देता है। सुन्दर और प्यारी तितलियों के नाजुक पंखों को भी काट सकता है और काले भवरों के शरीर को भी घायल कर सकता है। कहने का आशय यह है कि काँटों का स्वभाव हानिकारक है।

 

फूल लेकर तितलियों को गोद में
भौंर को अपना अनूठा रस पिला।
निज सुगंधी औनिराले रंग से
है सदा देता कली दिल की खिला।

शब्दार्थ
अनूठा – सुंदर, अच्छा, बढ़िया

निज – अपनी
सुगंधी – सुगंध
निराले – सुन्दर
सदा – हमेशा
कली दिल की खिला – प्रसन्न कर देना

व्याख्या – कवि फूल के स्वभाव का वर्णन करता हुए कहता है कि काँटों के स्वभाव के विपरीत फूल तितलियों को अपनी गोद में ले लेता है और भँवरों को भी अपना अच्छा व मधुर रस पिलाता है। अपनी सुगंध और रंग-बिरंगे रंगों से फूल हमेशा ही दिल में ख़ुशी की कली खिला देता है। कहने का आशय यह है कि फूल के कोमल स्वभाव व् सुगंध से दिल खुश हो जाता है।

 

खटकता है एक सबकी आँख में
दूसरा है सोहता सुर सीस पर।
किस तरह कुल की बड़ाई काम दे
जो किसी में हो बड़प्पन की कसर। 

शब्दार्थ
खटकता – चुभना, अच्छा न लगना

सोहता – शोभित होना,
सुर  देवता, सज्जन
सीस – सिर
कुल – वंश
बड़ाई – बड़े होने की अवस्था या भाव, बड़ापन
काम  कार्य
बड़प्पन – श्रेष्ठ होने का गुण या भाव, श्रेष्ठता, महत्व, गौरव
कसर – नुक़्सान, घाटा, द्वेष, वैर 

व्याख्या – कवि फूल और काँटे का उदाहरण देते हुए कहता है कि काँटा सभी को चुभता है इसलिए सभी को बुरा लगता है। दूसरी और फूल सभी को अच्छा लगता है और देवता व् सज्जन लोगों के सिर पर शोभा देता है। कवि कहते हैं कि यदि किसी व्यक्ति के स्वभाव व् व्यवहार में बड़प्पन की कमी हो तो उसे उच्च कुल भी उसकी प्रतिष्ठा को नहीं बचा सकता। कहने का आशय यह है कि बड़प्पन आपके स्वभाव में ही दिखता है न की आपके वंश व् प्रतिष्ठित खानदान से।

 

 

‘फूल और काँटे’ कविता के माध्यम से कवि यह संदेश  देना चाहते हैं कि किसी ऊँचे कुल में जन्म लेना ही सब कुछ नहीं होता क्योंकि किसी के कर्म ही होते हैं जो उसे महानता के शिखर तक ले जाते हैं। इसमें उसके जन्म या कुल का कोई योगदान नहीं होता। इस बात को अच्छी तरह से समझाने के लिए कवि ने फूल और काँटे का उदाहरण देते हुए कविता द्वारा प्रस्तुत करने का सफल प्रयास किया है।  

 3,130 total views,  4 views today

1 thought on “Fool aur kanta, Vyakhya,Class 6, Malhar,NCERT, फूल और काँटा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright ©2022, All rights reserved. | Newsphere by AF themes.
error: Content is protected !!