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Meri Maa Chapter 6 NCERT Solutions,Page 55-59,Malhar

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Meri Maa Chapter 6 NCERT Solutions

You May Like – तीन बुद्धिमान प्रश्नोत्तर 

पाठ से

मेरी समझ से

(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (*) बनाइए
(1) ‘
किंतु यह इच्छा पूर्ण होती नहीं दिखाई देती।बिस्मिल को अपनी किस इच्छा के पूर्ण न होने की आशंका थी?

 (क) भारत माता के साथ रहने की

 (ख) अपनी प्रतिज्ञा पर दृढ़ रहने की

 (ग) अपनी माँ की जीवनपर्यंत सेवा करने की

 (घ) भोग विलास तथा ऐश्वर्य भोगने की

उत्तर- अपनी माँ की जीवनपर्यंत सेवा करने की (*) 

 

(2) रामप्रसाद बिस्मिल की माँ का सबसे बड़ा आदेश क्या था?

(क) देश की सेवा करें

(ख) कभी किसी के प्राण न लेना

(ग) कभी किसी से छल न करना

(घ) सदा सच बोलना

उत्तर- कभी किसी के प्राण न लेना (*) 

You May Like- MCQ, Meri Maa,Class 7,Malhar,NCERT,पाठ – मेरी माँ ,बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर

(ख) अब अपने मित्रों के साथ तर्कपूर्ण चर्चा कीजिए कि आपने ये ही उत्तर क्यों चुने?
उत्तर-
(1) 
पहले प्रश्न में बिस्मिल अपनी माँ की सेवा करना चाहते थे, लेकिन क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल होने के कारण उन्हें यह संभव नहीं लग रहा था। लेखक को लगता था कि वे अंत समय में माँ से नहीं मिल पाएँगे। अंत में मृत्यु का समाचार ही मेरी माँ के पास पहुँचेगा।

(2) दूसरे प्रश्न में उनकी माँ ने उन्हें कभी किसी के प्राण न लेने का आदेश दिया था, जिससे उनकी अहिंसा और नैतिकता की भावना झलकती है। सत्यनिष्ठ, कर्त्तव्य परायण और नैतिकता को मानने वाली थीं। 

 

पंक्तियों पर चर्चा

पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें पढ़कर समझिए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? कक्षा में अपने विचार साझा कीजिए और लिखिए।
(क) यदि मुझे ऐसी माता न मिलतीं, तो मैं भी अति साधारण मनुष्यों की भाँति संसार-चक्र में फँसकर जीवन निर्वाह करता।


(ख) उनके इस आदेश की पूर्ति करने के लिए मुझे मज़बूरन दो-एक बार अपनी प्रतिज्ञा भंग भी करनी पड़ी थी।

 

उत्तर-
(
क) यदि मुझे ऐसी माता न मिलतीं, तो मैं भी अति साधारण मनुष्यों की भाँति संसार-चक्र में फँसकर जीवन निर्वाह करता।” –
इसका अर्थ है कि यदि बिस्मिल की माता इतनी प्रेरणादायक न होतीं, तो वे भी आम लोगों की तरह साधारण जीवन जीते और देश के लिए बलिदान देने की भावना उनमें न आती

(ख) उनके इस आदेश की पूर्ति करने के लिए मुझे मज़बूरन दो-एक बार अपनी प्रतिज्ञा भंग भी करनी पड़ी थी।” –
इसका अर्थ है कि उनकी माँ ने उन्हें किसी के प्राण न लेने का आदेश दिया था, लेकिन क्रांतिकारी संघर्ष में परिस्थितियाँ ऐसी आईं कि उन्हें अपनी प्रतिज्ञा तोड़नी पड़ी।

 

मिलकर करें मिलान

पाठ में से चुनकर कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और इन्हें इनके सही अर्थ या संदर्भ से मिलाइए। इसके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट, पुस्तकालय या अपने शिक्षकों की सहायता ले सकते हैं।

शब्द अर्थ और संदर्भ
1. देवनागरी 1. सिखों के दसवें और अंतिम गुरु थे। उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की।
2. आर्यसमाज 2. इटली के गुप्त राष्ट्रवादी दल का सेनापति; इटली का मसीहा था जिसने लोगों को एक सूत्र में बाँधा।
3. मेजिनी 3. महर्षि दयानंद द्वारा स्थापित एक संस्था।
4. गोबिंद सिंह 4. भारत की एक भाषा-लिपि जिसमें हिंदी, संस्कृत, मराठी आदि भाषाएँ लिखी जाती हैं।

 

उत्तर-

शब्द अर्थ और संदर्भ
1. देवनागरी 4. भारत की एक भाषा-लिपि जिसमें हिंदी, संस्कृत, मराठी आदि भाषाएँ लिखी जाती हैं।
2. आर्यसमाज 3. महर्षि दयानंद द्वारा स्थापित एक संस्था।
3. मेजिनी 2. इटली के गुप्त राष्ट्रवादी दल का सेनापति; इटली का मसीहा था जिसने लोगों को एक सूत्र में बाँधा।
4. गोबिंद सिंह 1. सिखों के दसवें और अंतिम गुरु थे। उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की।

 

 

सोच-विचार के लिए

पाठ को एक बार फिर से पढ़िए और दिए गए प्रश्नों के बारे में पता लगाकर अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए।

  1. बिस्मिल की माता जी जब ब्याह कर आईं तो उनकी आयु काफ़ी कम थी।
    (
    क) फिर भी उन्होंने स्वयं को अपने परिवार के अनुकूल कैसे ढाला?
    (
    ख) उन्होंने अपनी इच्छाशक्ति के बल पर स्वयं को कैसे शिक्षित किया?

  2. उत्तर-
    (
    क)बिस्मिल की माता जी ने परिवार के रीति-रिवाजों को अपनाया और अपनी जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा से निभाया। बिस्मिल जी की दादी ने अपनी छोटी बहन को बुलाया, जिन्होंने उनकी माताजी को घर के काम-काज सिखाए। धीरे-धीरे, उन्होंने सारे घरेलू काम सीख लिए और घर की अच्छी देखभाल करने लगीं।

    (ख) उन्हें पढ़ाई का बहुत शौक था। मोहल्ले में जो महिलाएँ शिक्षित थीं, उनसे वे अक्षर पहचानना सीखती थीं। दिनभर घर का काम करने के बाद जो भी समय बचता, उसमें वे पढ़ाई करती थीं। उनकी मेहनत और लगन से वे जल्द ही देवनागरी लिपि में लिखी किताबें पढ़ने लगीं। इसके बाद, उन्होंने अपनी छोटी बेटियों को भी पढ़ाना शुरू कर दिया।

 

  1. बिस्मिल को साहसी बनाने में उनकी माता जी ने कैसे सहयोग दिया?
    उत्तर-रामप्रसाद बिस्मिल की माता जी ने उन्हें साहसी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने सत्य, न्याय और कर्तव्यपरायणता की शिक्षा देकर बिस्मिल को अपने सिद्धांतों पर अडिग रहने की प्रेरणा दी। देशभक्ति की भावना जगाते हुए उन्होंने निडरता और बलिदान का पाठ पढ़ाया। कठिन परिस्थितियों में भी उनका मनोबल बढ़ाया और संकटों का धैर्यपूर्वक सामना करने की सीख दी। उनकी प्रेरणा से ही बिस्मिल एक साहसी और निडर क्रांतिकारी बने।
  2. आज से कई दशक पहले बिस्मिल की माँ शिक्षा के महत्व को समझती थीं, बताइए कैसे?
    उत्तर-रामप्रसाद बिस्मिल की माता जी ने शिक्षा के महत्व को बहुत पहले ही समझ लिया था। अपने विवाह के बाद उन्होंने स्वयं शिक्षित होने का प्रयास किया और घर के कार्यों के साथ-साथ पढ़ाई भी की। उन्होंने अपनी बेटियों को भी प्रारंभिक शिक्षा दी। बिस्मिल की उच्च शिक्षा और स्वतंत्र विचारों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने यह सिद्ध किया कि शिक्षा व्यक्ति के विकास और समाज की उन्नति के लिए आवश्यक है।

 

  1. हम कैसे कह सकते हैं कि बिस्मिल की माँ स्वतंत्र और उदार विचारों वाली थीं?
    उत्तर-बिस्मिल की माँ स्वतंत्र और उदार विचारों वाली थीं क्योंकि उन्होंने सामाजिक मान्यताओं से हटकर अपने बेटे को देशसेवा और उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित किया। जहाँ पिता और दादी विवाह के लिए जोर दे रहे थे, वहीं उन्होंने पहले शिक्षा को प्राथमिकता दी। उन्होंने न केवल स्वयं शिक्षा प्राप्त की बल्कि अपनी बेटियों को भी पढ़ाया। वे अपने बेटे के क्रांतिकारी विचारों को समझती थीं और उनका साथ देती थीं, लेकिन उन्होंने अहिंसा का संदेश भी दिया। उनका यह दृष्टिकोण उनकी स्वतंत्रता और उदारता को बताता है।

 

आत्मकथा की रचना

यह पाठ रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ की आत्मकथा का एक अंश है। आत्मकथा यानी अपनी कथा। दुनिया में अनेक लोग अपनी आत्मकथा लिखते हैं, कभी अपने लिए, तो कभी दूसरों के पढ़ने के लिए।
(क) इस पाठ को एक बार फिर से पढ़िए और अपने-अपने समूह में मिलकर इस पाठ की ऐसी पंक्तियों की सूची बनाइए जिनसे पता लगे कि लेखक अपने बारे में कह रहा है।
(ख) अपने समूह की सूची को कक्षा में सबके साथ साझा कीजिए।
उत्तर- (क)

  • “यदि मुझे ऐसी माता न मिलतीं, तो मैं भी अति साधारण मनुष्यों की भाँति संसार-चक्र में फँसकर जीवन निर्वाह करता।”
  • “मैंने कभी यह न समझा कि माता जी अशिक्षित हैं।”
  • “उनके इस आदेश की पूर्ति करने के लिए मुझे मज़बूरन दो-एक बार अपनी प्रतिज्ञा भंग भी करनी पड़ी थी।”
  • (ख)
    उपर्युक्त उत्तर को अपनी कक्षा में साझा कीजिए।
  • शब्द-प्रयोग तरह-तरह के
  • (क) “माता जी उनसेअक्षर-बोध करतीं।” इस वाक्य में अक्षर-बोध का अर्थ है– अक्षर का बोध या ज्ञान।
    एक अन्य वाक्य देखिए– “जो कुछ समय मिल जाता, उसमें पढ़ना-लिखना करतीं।” इस वाक्य में पढ़ना-लिखना अर्थात पढ़ना और लिखना।
    हम लेखन में शब्दों को मिलाकर छोटा बना लेते हैं जिससे समय, स्याही, कागज़ आदि की बचत होती है। संक्षेपीकरण मानव का स्वभाव भी हैं। इस पाठ से ऐसे शब्द खोजकर सूची बनाइए।

 

उत्तर- 

संक्षिप्त शब्द पाठ में प्रयुक्त सम्बंधित वाक्य
सेवा–समिति उसी समय शाहजहाँपुर में सेवा–समिति का आरंभ हुआ था।
काम–काज थोड़े दिनों में माताजी ने घर के सब काम–काज को समझ लिया
ठीक–ठीक ठीक–ठीक भोजनादि का ठीक–ठीक प्रबंध करने लगीं।
सखी–सहेली मुहल्ले की सखी–सहेली जो घर पर आया करती थीं
डाँट–फटकार जिसके कारण उन्हें अक्सर पिताजी की डाँट–फटकार तथा दंड सहन करना पड़ता था।
देश–सेवा तुम्हारी दया से ही मैं देश–सेवा में संलग्न हो सका।
पालन–पोषण तुमने इस शरीर को जन्म देकर केवल पालन–पोषण ही नहीं किया
जन्म–जन्मांतर जन्म–जन्मांतर परमात्मा ऐसी ही माता दें।
भोग–विलास इस संसार में मेरी किसी भी भोग–विलास तथा ऐश्वर्य की इच्छा नहीं
बलि–देवी अपने जीवन को बलि–देवी की भेंट कर गया
धर्म–रक्षार्थ  धर्म–रक्षार्थ अपने पुत्रों के बलिदान पर मिठाई बाँटीं थी।

 

पाठ से आगे

शब्दों की बात
आप अपनी माँ को क्या कहकर संबोधित करते हैं? अन्य भाषाओं में माँ के लिए प्रयुक्त संबोधन और माँ के लिए शब्द ढूँढ़िए।

क्या उनमें कुछ समानता दिखती है? हाँ, तो क्या?
उत्तर- मैं अपनी माँ को ‘माँ’ कहकर सम्बोधित करता हूँ।
माँ को अलग-अलग भाषाओं में विभिन्न नामों से पुकारा जाता है:
हिंदी: माँ, अम्मा
संस्कृत: मातृ, जननी
तमिल: अम्मा)
अंग्रेज़ी: मॉम
इनमें “माँ” या “मा” जैसी ध्वनि मिलती है, क्योंकि यह एक प्राकृतिक ध्वनि है जो बच्चे सहज रूप से बोल सकते हैं।

 

आज की पहेली

यहाँ दी गई वर्ग पहेली में पाठ से बारह विशेषण दिए गए हैं। उन्हें छाँटकर पाठ में रेखांकित कीजिए।

यहाँ दी गई वर्ग पहेली में पाठ से बारह विशेषण दिए गए हैं। उन्हें छाँटकर पाठ में रेखांकित कीजिए।

 

मं यी
प्र त्ये नो छो टी
धा ग्या खू
र्मि सा धा ड़ा
दु री
हा स्वा धी

 

 

उत्तर- 

 

 

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