Samvad Lekhan संवाद लेखन Class 9 Hindi
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संवाद से अभिप्राय बातचीत अथवा वार्तालाप से है। जब दो व्यक्ति किसी दिशा में बातचीत करते हैं तो उस बातचीत को संवाद कहते हैं। इसी बातचीत को यदि लिखित रूप दे दिया जाए तो वह संवाद लेखन कहलाता है।संवाद के अनेक नाम हैं : वर्तालाप, आलाप, संलाप, कथोपकथन, गुफ्तगू, सम्भाषण इत्यादि। यह कहानी, उपन्यास, एकांकी, नाटकादि की जान है। इसके माध्यम से पात्रों की सोच, चिन्तन-शैली, तार्किक क्षमता और उसके चरित्र का पता चलता है। नाटकों के संवादों से कथावस्तु का निर्माण होता है।
संवाद लेखन के समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए-
* संवाद लेखन की भाषा सरल, स्पष्ट और पात्रानुकूल होनी चाहिए।
* संवाद छोटे, सरल , रोचक और स्पष्ट होने चाहिए।
* संवाद लेखन में विरामचिह्नों का यथासंभव उचित प्रयोग किया जाना चाहिए।
* संवाद का प्रत्येक वाक्य विषय से जुड़ा होना चाहिए।
* संवादों में स्वाभाविकता तथा चुटीलापन अवश्य होना चाहिए।
* संवाद में किसी भी प्रकार की कृत्रिमता अर्थात बनावट नहीं होनी चाहिए।
* संवाद घटना, परिस्थिति व समयानुकूल होने चाहिए।
* पात्रो के मनोभावों को कोष्ठकों में लिखना चाहिए।
* संवाद लिखते समय हैलो, हाय, बाय बाय,यार जैसे अंग्रेजी शब्दो का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
1. जन्मदिन पर ना आने की मजबूरी प्रकट करते हुए दो मित्रों में होने वाला संवाद
रमा – कैसी हो मीना ? आज शाम मेरे घर आ रही हो न तुम ।
मीना – जन्मदिन की ढेर सारी बधाई रमा ।
रमा – ये बधाई घर पर आकर देना।
मीना – मीरा ! मुझे खेद है , आज मैं घर नहीं आ पाऊँगी । इसलिए……….
रमा – नहीं, नहीं ! यह बात ठीक नहीं है । तुम्हारे बिना पार्टी का मज़ा ही किरकिरा हो
जाएगा ।
मीना – मैं जानती हूँ रमा ! मैं भी तुम्हारे जन्मदिन पर आना चाहती हूँ लेकिन मजबूर हूँ ।
शाम को मेरे मामा – मामी आ रहे हैं ।
रमा – मामा – मामी जी से नमस्ते कहना पर उन्हें समझा देना और थोड़ी देर के लिए आना
ज़रुर । तुम्हे आना ही होगा ।
मीना – मुझे लगता है, यह ठीक नहीं होगा ,रीना ।
रमा – तुम कहो तो मैं तुम्हे लेने आ जाऊँ ।
मीना – अरे नहीं, तुम्हें लेने आने की ज़रुरत नहीं है। थोड़ी देर के लिए मैं खुद ही आ जाऊँगी।
2. डॉक्टर और रोगी के मध्य संवाद
रोहित – डॉक्टर साहब, मुझे तीन-चार दिन से बुखार आ रहा है, उतरने का नाम ही नहीं लेता।
डॉक्टर – लो, यह थर्मामीटर मुँह में लगाओ। देखें कितना बुखार है।
(थर्मामीटर देखकर) इस समय तो तुम्हें बुखार नहीं है।
रोहित – पर डॉक्टर साहब, रोज़ रात को सिर दर्द होता है और बुखार चढ़ जाता है।
डॉक्टर – तुम्हे खून की जाँच करवानी होगी, मलेरिया भी हो सकता है।
रोहित – मुझे दो-तीन दिन में ठीक कर दीजिए।
डॉक्टर – चिंता मत करो। अभी एक दिन की दवाई दे रहा हूँ।
रोहित – मेरी परीक्षाएँ शुरु होने वाली हैं।
डॉक्टर -कल तक खून की जाँच की रिपोर्ट आ जाएगी तब दवाई बदलेंगें।
रोहित – डॉक्टर साहब, सिर में भी बहुत दर्द है। इसके लिए भी कोई दवाई दे दीजिए।
डॉक्टर – वह मैंने पहले ही लिख दी है। खाना हल्का खाना, फलों का जूस ले सकते हो। घर जाकर पूरा आराम करो।
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3. अध्यापक और छात्र के मध्य संवाद
छात्र – सुप्रभात गुरुजी ।
अध्यापक – सुप्रभात, तुम कल स्कूल क्यों नहीं आए ?
छात्र – गुरुजी, कल मेरी माँ की तबियत बहुत खराब थी। मैं उन्हें डॉक्टर के पास लेकर गया था।
गुरुजी – तुमने बहुत अच्छा किया, माता – पिता की सेवा करना तुम्हारा धर्म है।
छात्र – गुरुजी , मुझे पता चला है कि गरीब बच्चों को पढ़ाने के लिए नाम माँगे गए हैं।
गुरुजी – हाँ, क्या तुम भी इसमें भाग लेना चाहते हो।
छात्र – जी हाँ गुरुजी, उन्हें पढ़ाकर मुझे बहुत खुशी होगी।
गुरुजी – ठीक है रवि तुम अपना नाम मॉनिटर को लिखवा दो।
छात्र – जी गुरुजी , हमें कब और कहाँ जाना होगा, बच्चों को पढ़ाने के लिए?
गुरुजी – बच्चे स्कूल में ही आएँगे ,मंगलवार और शुक्रवार को छुट्टी के बाद ।
छात्र – छुट्टी के बाद! फिर तो हमें छुट्टी के बाद रुकना होगा गुरुजी।
गुरुजी – हाँ, छुट्टी के बाद एक घंटा ज़्यादा रुकना होगा आपको।
4. गाँव से कुछ दूरी पर रेलगाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई है, दो मित्र वहाँ पीड़ितों की सहायता के लिए जाना चाहते हैं। उनके मध्य हुए संवाद का लेखन कीजिए।
अक्षत – नमस्ते संजीव! घबराए हुए कहाँ से भागे आ रहे हो?
संजीव – नमस्ते अक्षत ! तुमने सुना नहीं शायद, रेलगाड़ी के डिब्बे पटरी से उतर गए हैं।
अक्षत – क्या, जान-माल की ज्यादा क्षति हुई है क्या ?
संजीव – हाँ, दो डिब्बे पटरी से उतरकर आपस में टकरा गए हैं।
अक्षत – पर, अब तुम कहाँ जा रहे हो?
संजीव – मैं गाँव वालों को खबर करने जा रहा हूँ।
अक्षत – मैं भी तुम्हारे साथ चलता हूँ। मैं लोगों से कहूँगा कि यात्रियों के लिए कुछ आवश्यक सामान भी ले चलें।
संजीव – यह ठीक रहेगा।
अक्षत – मैं रोहित चाचा से कहता हूँ कि वे अपनी जीप से सबको ले चलें। उनकी जीप से घायलों को अस्पताल तक पहुँचाया जा सकता है।
संजीव – रमेश अंकल को भी साथ ले चलना। वे घायलों की प्राथमिक चिकित्सा कर सकेंगे।
अक्षत – तुम्हारा यह सुझाव बहुत अच्छा है।
संजीव – चलो, सबको लेकर वहाँ जल्दी से पहुँचते हैं।
5. परीक्षा भवन के बाहर दो छात्रों की बातचीत
शौर्य – नील तुम्हारी तैयारी हो गई ।
नील- हाँ, हो ही गई लेकिन एक बार पुनरावृत्ति भी करनी है।
शौर्य- तुम्हें संधि समझ में आ गई क्या?
नील- हाँ, संधि तो समझ में आ गई । पर संधि का भेद पहचाना थोड़ा मुश्किल है।
शौर्य- तत्पुरुष समास की पहचान क्या है?
नील- तत्पुरुष समास की पहचान है कारक चिन्ह।
शौर्य- कौन से कारक चिन्ह?
नील- कर्ता ने, कर्म को, करण से………….
शौर्य- हाँ,हाँ मुझे याद आ गए कारक चिह्न, धन्यवाद तुमने बहुत आसानी से समझा दिया मुझे।
नील- आज की परीक्षा के लिए बहुत शुभकामनाएँ । एक भी प्रश्न छूटना नहीं चाहिए।
शौर्य- हाँ, हाँ नील, तुम्हारे लिए भी शुभकामनाएँ।
नील- परीक्षा के बाद, यहीं मिलते हैं।
6. दो मित्रों के मध्य, इंटरनेट की उपयोगिता पर वर्तालाप
नील – दोस्त, इंटरनेट भी कमाल की तकनीक है।
शौर्य – हाँ। आज अगर इंटरनेट न हो, तो हमारे कितने सारे काम रुक जाते है।
नील- एक बार इंटरनेट न होने पर मुझे महसूस हुआ कि मैं इंटरनेट के बिना एक दिन भी अपना काम नहीं कर सकता।
शौर्य- तुम अकेले ऐसे व्यक्ति नहीं हो, आजकल 80% लोग इंटरनेट की सुविधा का भरपूर इस्तेमाल करते है।
नील- मैं तुम्हारी बात का समर्थन करता हूँ, आखिर आजकल सारा काम इससे ही होता है, चाहे किसी से बात करनी हो या रेल का टिकट आरक्षित करना हो।
शौर्य- (हँसते हुए) तुम इस सूची को तैयार करते-करते थक जाओगे, पर यह पूरी नहीं होगी।
नील- सुना है, 4-जी इंटरनेट की गति बहुत तेज होती है। हमारे देश में यह सुविधा आ जाने पर हमें बहुत फायदा होगा।
शौर्य- काश …… यह तकनीक भी जल्द ही आ जाए।
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