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Naye Ilake Me , Pathit Kavyansh & Important Points Class 9 Hindi Course B

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 नए बसते इलाक़े में

 नए बसते इलाक़े में

       

 

 

 नए बसते इलाक़े में

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                                            कविता का सार/मुख्य बिंदु       

इस कविता में कवि ने शहरों की इस विडंबना की ओर संकेत किया है कि शहरों का स्वरूप लगातार बदल रहा है। कवि ने एक ऐसी दुनिया का वर्णन किया है जो एक ही दिन में पुरानी पड़ जाती है।आधुनिक युग में शहरों की विडंबना यह है कि आज के इस परिवर्तनशील समय में मनुष्य की संवेदनाएँ व आत्मीयता समाप्त हो गई है। सभी अपने कामों में इतने व्यस्त हैं कि द्वार खटखटाने पर भी कोई मदद के लिए आगे नहीं आता।कवि ने अपनी इस कविता के माध्यम से शहरों की इसी विडंबना की ओर संकेत किया है।     

 नए बसते इलाक़े में कवि अक्सर रास्ता भूल जाता है क्योंकि नित-नए मकान बन रहे हैं।अपनी मंज़िल पर पहुँचने के लिए कवि जिन निशानियों को पहचान के रूप में चिह्नित करता है, नए मकान बनने के कारण वे नष्ट हो जाते हैं इसलिए कवि रास्ता भूल जाता है। कविता में  पीपल का पेड़,ढहा हुआ घर, ख़ाली ज़मीन का टुकड़ा,बिना रंग वाले लोहे के फाटक वाला एकमंज़िला मकान जैसे पुराने निशानों का उल्लेख किया गया है।

कवि के परिचित पुराने इलाक़े में परिवर्तन आ चुके हैं। कवि को जब पुरानी निशानियाँ दिखाई नहीं देतीं तो वह अनुमान से ही उस जगह को खोजता है जहाँ उसे जाना है। नई इमारतों के निर्माण और अपनी चिह्नित निशानियों के अभाव में उसे दिशा भ्रम हो जाता है इसलिए वह कभी एक घर पीछे या दो घर आगे चल देता है। जिस प्रकार वसंत ऋतु के बाद पतझड़ आने पर काफ़ी परिवर्तन आ जाता है, बैसाख के बाद भादो आने पर बहुत परिवर्तन आ जाता है। उसी प्रकार कवि जब उसी इलाक़े में दोबारा आता है, उसे ज़मीन आसमान का अंतर दिखाई देता है।

     कवि ने इस कविता में ‘समय की कमी’ की ओर भी इशारा किया है क्योंकि जीवन द्रुत गति से चल रहा है, इस परिवर्तनशील संसार में हर व्यक्ति अपने काम में व्यस्त है। परिस्थितियाँ तेज़ी से बदल रही हैं, सबके पास समय का अभाव है इसलिए मन में केवल एक उम्मीद बची है कि शायद कोई जाना -पहचान व्यक्ति उसे पुकार ले।

                  

        

 

    पठित काव्यांश

                                                 

इन नए बसते इलाकों में
जहाँ रोज बन रहे हैं नए-नए मकान  

मैं अकसर रास्ता भूल जाता हूँ

धोखा दे जाते हैं पुराने निशान
खोजता हूँ ताकता पीपल का पेड़
खोजता हूँ ढहा हुआ घर
और ज़मीन का खाली टुकड़ा जहाँ से बाएँ
मुड़ना था मुझे
फिर दो मकान बाद बिना रंगवाले लोहे के फाटक का

घर था इकमंजिला

 

प्रश्न 1– नए इलाके में कविता के कवि कौन है?

(क) अरुण कमल

(ख) हरिवंशराय बच्चन

(ग) सियारामशरण गुप्त

(घ) नज़ीर अकबराबादी

 

प्रश्न 2– कविता में कवि ने शहरों की किस विडंबना की ओर संकेत किया है?

(क) नित नए निर्माण हो रहे हैं

(ख) आत्मीयता व संवेदनाएँ समाप्त हो गई हैं

(ग) एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में लगे हैं

(घ) उपरोक्त सभी

 

प्रश्न 3– कविता में कौन-कौन से पुराने निशानों का उल्लेख किया गया है?
(क) पीपल का पेड़
(ख) ढहा हुआ मकान
(ग) लोहे का बिना रंगवाला गेट
(घ) उपरोक्त सभी

 

 

प्रश्न 4– कवि पीपल के पेड़, लोहे के दरवाज़े और ज़मीन के खाली टुकड़े के आधार पर क्या पहचानना चाहता है?

(क) उस स्थान को जहाँ पर उसे जाना है

(ख) अपने खाली पड़े प्लॉट को

(ग) अपने पड़ोसियों के मकान को

(घ) अपनी पैतृक जमीन को

 

प्रश्न 5– नए इलाके में जाने पर कवि क्या भूल जाता है?

(क) सामान

(ख) रास्ता

(ग) पढ़ना

(घ) फ़ोन करना

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समाधान

उत्तर 1(क) अरुण कमल

उत्तर 2-(घ) उपरोक्त सभी

उत्तर 3(घ) उपरोक्त सभी

उत्तर 4(क) उस स्थान को जहाँ पर उसे जाना है

उत्तर 5-(ख) रास्ता

 

और मैं हर बार एक घर पीछे
चल देता हूँ
या दो घर आगे ठकमकाता
यहाँ रोज कुछ बन रहा है
रोज कुछ घट रहा है

यहाँ स्मृति का भरोसा नहीं

 

प्रश्न 1– कवि अपना घर ढूँढने में क्या गलती करता है?

(क) वह एक घर पीछे चला जाता है या दो घर आगे

(ख) वह दूसरे मोहल्ले में चला जाता है

(ग) वह ग़लत सड़क पर चला जाता है

(घ) उपरोक्त में से कोई नहीं

 

प्रश्न 2– एक ही दिन में सब कुछ इतना कैसे बदल जाता है?
(क) शोर-शराबे के कारण
(ख) हर दिन नए मकानों के निर्माण के कारण
(ग) पेड़ों को काटने के कारण
(घ) इनमें से कुछ नहीं

 

प्रश्न 3– रोज-रोज नये बनते मकानों के कारण क्या होता है?
(क) शोर-शराबा
(ख) भीड़
(ग) त्यौहार
(घ) सभी रास्ता भूल सकते हैं

 

प्रश्न 4 – पुराने निशानों के मिट जाने से कवि को क्या परेशानी होती है?
(क) यह उन्हें याद करता है
(ख) पुराने निशान पुरानी यादों को ताज़ा करते हैं
(ग) निशानों के मिट जाने से रास्ता खोजना मुश्किल है
(घ) इनमें से कुछ नहीं

 

 

प्रश्न 5– कवि के अनुसार रास्ता ढूँढने के लिए आप अपनी याददाश्त पर भरोसा क्यों नहीं कर सकते?
(क) शोर-शराबे के कारण
(ख) यादाश्त कमजोर होने के
(ग) नए मकानों के बन जाने के कारण
(घ) इनमें से कुछ नहीं

 

समाधान

उत्तर 1-(क) वह एक घर पीछे चला जाता है या दो घर आगे

उत्तर 2-(ख) हर दिन नए मकानों के निर्माण के कार

उत्तर 3-(घ) सभी रास्ता भूल सकते हैं

उत्तर 4-(ग) निशानों के मिट जाने से रास्ता खोजना मुश्किल है

उत्तर 5-(ग) नए मकानों के बन जाने के कारण

 

 

एक ही दिन में पुरानी पड़ जाती है दुनिया
जैसे वसंत का गया पतझड़ को लौटा हूँ
जैसे बैसाख का गया भादों को लौटा हूँ
अब यही है उपाय कि हर दरवाजा खटखटाओ
और पूछो – क्या यही है वो घर?
समय बहुत कम है तुम्हारे पास
आ चला पानी ढ़हा आ रहा अकास
शायद पुकार ले कोई पहचाना ऊपर से देखकर।

 

प्रश्न 1– कविता में किन हिंदी महीनों के नामों का उल्लेख किया गया है ?

(क) चैत्र,पतझड़,आषाढ़,भादो

(ख) वसंत,पतझड़,आषाढ़,भादो

(ग) वसंत,चैत्र,आषाढ़,भादो

(घ) वसंत,पतझड़,आषाढ़,चैत्र

 

प्रश्न 2– ‘वसंत का गया पतझड़’ और ‘बैसाख का गया भादों को लौटा’ से क्या अभिप्राय है?
(क) बसंत और पतझड़ का अंतर
(ख) कुछ ही समय में अत्यधिक परिवर्तन हो जाना

(ग) बैसाखी और बसंत का अंतर
(घ) इनमें से कुछ नहीं

 

प्रश्न 3– कवि के अनुसार सही घर ढूँढने का क्या उपाय है?
(क) हर दरवाज़े को खटखटा कर पूछना
(ख) हर इंसान से पूछना
(ग) किसी परिचत का इंतज़ार करना
(घ) इनमें से कुछ नहीं

 

प्रश्न 4– दरवाज़ा खटखटाने से लेखक किस उपाय की बात कर रहा है?

(क) अपनों को ढूँढने के उपाय की

(ख) मदद के लिए बुलाने के उपाय की

(ग) बाहर बुलवाने के उपाय की

(घ) तंग करने के उपाय की

 

प्रश्न 5– कवि को अंत में क्या उम्मीद है?
(क) शोर-शराबा कम होने का

(ख) शायद कोई परिचत पुकार ले

(ग) शायद कोई पड़ोसी पुकार ले
(घ) इनमें से कोई नहीं

 

 समाधान

उत्तर 1-(ख) वसंत,पतझड़,आषाढ़,भादो

उत्तर 2-(ख) कुछ ही समय में अत्यधिक परिवर्तन हो जाना

उत्तर 3-(क) हर दरवाजे को खटखटा कर पूछना

उत्तर 4-(क) अपनों को ढूँढने के उपाय की

उत्तर 5- ख) शायद कोई परिचत पुकार ले

 

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