Pathit Gadyansh, Birju Maharaj Se Sakshatkar, Malhar,NCERT
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कथक, भरतनाट्यम, कुचिपुड़ी, कथकली, मोहिनीअट्टम, ओडिसी, मणिपुरी- ये शास्त्रीय नृत्य की प्रमुख शैलियाँ हैं। संगीत और गाने के ढंग का अंतर तो है ही, इसके अतिरिक्त भी हर नृत्य की अपनी लय और भाव-भंगिमा है । कथक की भाव-भंगिमा दैनिक जीवन से ली गई होती है और भरतनाट्यम में मूर्तिकला से । भरतनाट्यम में दोनों भावों का इकट्ठा प्रयोग होता है और कथक में बारी-बारी से। ओडिसी और मणिपुरी में कोमलता है, कथकली में ओज है। कथक में दोनों हैं। कथक में गर्दन को हल्के से हिलाया जाता है, चिराग की लौ के समान । इसी प्रकार उँगलियाँ भी बहुत धीरे-से हिलाई जाती हैं, जैसे घूँघट पकड़ने में या घूँघट उठाने में। उँगलियाँ जरा जोर से हिलीं नहीं कि चाचा जी तुरंत टोकते थे, ” घूँघट उठा रहे हो या तंबू?
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प्रश्न 1.कथक नृत्य की भाव-भंगिमा किससे ली गई होती है?
(क) मूर्तिकला सें
(ख) प्राकृतिक दृश्यों से
(ग) दैनिक जीवन से
(घ) पौराणिक कथाओं से
प्रश्न 2.भरतनाट्यम में भावों का प्रयोग किस प्रकार होता है?
(क) केवल चेहरे से
(ख) केवल हाथों से
(ग) बारी-बारी से
(घ) दोनों भावों का एक साथ प्रयोग
प्रश्न 3.ओडिसी और मणिपुरी नृत्य शैलियों की मुख्य विशेषता क्या है ?
(क) ओज
(ख) कोमलता
(ग) शक्ति
(घ) तीव्र गति
प्रश्न 4.कथक में गर्दन और उँगलियों की गति कैसी होनी चाहिए?
(क) तेज और सख्त
(ख) बिलकुल स्थिर
(ग) हल्की और कोमल
(घ) चौंकाने वाल
प्रश्न 5.कथक में उँगलियाँ जरा जोर से हिलाने पर चाचा जी क्या कहते थे ?
(क) “वाह, बहुत अच्छा! ”
(ख) “क्या कर रहे हो?”
(ग) “ घूँघट उठा रहे हो या तंबू?”
(घ) “हाथ सीधा रखो।
समाधान
1.(ग) दैनिक जीवन से
2.(घ) दोनों भावों का एक साथ प्रयोग
3.(ख) कोमलता
4.(ग) हल्की और कोमल
5.(ग) “ घूँघट उठा रहे हो या तंबू?”
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मेरी बहनों को कथक नहीं सिखाया गया पर मैंने अपनी बेटियों को खूब सिखाया। लड़कियों के पास शिक्षा या कोई-न-कोई हुनर अवश्य होना चाहिए ताकि वे आत्मनिर्भर हो सकें। हुनर ऐसा खज़ाना है, जिसे कोई नहीं छीन सकता और वक्त पड़ने पर काम आता है। बच्चो, तुम लोग संगीत सीखते हो? यदि नहीं तो ज़रूर सीखो। मन की शांति के लिए यह बहुत जरूरी है।
लय हमें अनुशासन सिखाती है, संतुलन सिखाती है। नाचने गाने और बजाने वाले एक-दूसरे के साथ तालमेल बैठाकर एक नई रचना करते हैं। सुर और लय से हमें एक-दूसरे का सहयोगी बनकर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने की प्रेरणा मिलती है।
प्रश्न 1.बिरजू महाराज ने अपनी बेटियों को क्या सिखाया है?
(क) नृत्य
(ख) कथक
(ग) संगीत
(घ) चित्रकला
प्रश्न 2.बिरजू महाराज के अनुसार, लड़कियों के पास क्या होना चाहिए?
(क) केवल शिक्षा
(ख) केवल हुनरे
(ग) शिक्षा या हुनर
(घ) केवल आत्मनिर्भरत
प्रश्न 3.हुनर के बारे में बिरजू बमहाराज का क्या कहना है?
(क) हुनर समय के साथ बदलता है।
(ख) हुनर एक खज़ाना है जिसे कोई नहीं छीन सकता ।
(ग) हुनर केवल कला से संबंधित होता है।
(घ) हुनर केवल पुरुषों के लिए है
प्रश्न 4.गद्यांश में संगीत सीखने का क्या महत्व बताया गया है ?
(क) यह केवल मनोरंजन के लिए है।
(ख) यह मानसिक शांति और संतुलन प्रदान करता है ।
(ग) यह केवल गायकों के लिए है।
(घ) यह शरीर को स्वस्थ रखता है।
प्रश्न 5.गद्यांश के अनुसार संगीत में लय का क्या महत्व है?
(क) लय हमें सिखाती है कि कैसे तेजी से कार्य करना है।
(ख) लय हमें अनुशासन और संतुलन सिखाती है।
(ग) लय हमें केवल नृत्य में मदद करती है।
(घ) लय हमें केवल गाने के लिए प्रेरित करती है।
समाधान
1.(ख) कथक
2.(ग) शिक्षा या हुनर
3.(ख) हुनर एक खज़ाना है जिसे कोई नहीं छीन सकता ।
4.(ख) यह मानसिक शांति और संतुलन प्रदान करता है ।
5.(ख) लय हमें अनुशासन और संतुलन सिखाती है।
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